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वाराणसी,11 अक्टूबर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी वर्ष में शुक्रवार को संघ के काशी दक्षिण भाग के शिवाला शाखा रत्नाकर पार्क में विजयादशमी उत्सव और पथ संचलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में मंचस्थ अतिथियों ने शस्त्र पूजन किया। अमृत वचन, बसंत एवं एकल गीत की प्रस्तुति हुई।
इसके बाद कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कांची कामकोटि पीठ के प्रबंधक सुब्रमण्यम मणि ने संघ के स्थापना और व्यक्ति निर्माण को बताया। वक्ता विभाग प्रचारक नितिन ने संघ के शताब्दी वर्ष की यात्रा का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि संघ व्यक्ति निर्माण करता है। संघ के स्वयंसेवक समाजिक जीवन के हर क्षेत्र में सेवा भाव से कार्य करते हैं। उन्होंने संघ की स्थापना की आवश्यकता, उद्देश्य को भी बताया। समाज व स्वयंसेवकों से अपने जीवन में पंच परिवर्तन अपनाने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि राष्ट्र के परम वैभव के लिए पंच परिवर्तन के अंतर्गत हम सब अपने दैनिक जीवन में सामाजिक समरसता, परिवार प्रबोधन, पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली एवं स्वदेशी को अपनाएं तथा नागरिक कर्तव्यों का पालन करें। इसके बाद रत्नाकर पार्क से स्वयंसेवकों ने उत्साहपूर्वक अनुशासन और पूर्ण गणवेश में पथ संचलन निकाला। गणवेश में कदमताल करते हुए स्वयंसेवकों को देखने के लिए लोग सड़क किनारे जुटे रहे।
पथ संचलन रत्नाकर पार्क से सोनारपुरा चौराहा, हरिश्चंद्र घाट रोड होते हुए माता आनंद मई हॉस्पिटल से भदैनी होते हुए वापस रत्नाकर पार्क पहुंच कर समाप्त हुआ। पथ संचलन में बाल से लेकर प्रौढ़ स्वयंसेवक शामिल रहे।
बताते चलें कि शिवाला शाखा 1960 से लग रही है। विजयादशमी उत्सव में 100 से अधिक स्वयंसेवकों ने भागीदारी की।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी