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रामनाथपुरम, 11 अक्टूबर (हि.स.)। श्रीलंकाई नौसेना द्वारा 47 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार करने और पांच मशीनीकृत नौकाओं को ज़ब्त किए जाने के बाद रामेश्वरम के मछुआरे शनिवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। मछुआरा संघों ने केंद्र एवं तमिलनाडु सरकार से गिरफ्तार मछुआरों की रिहाई और श्रीलंका से नौकाओं को वापस लाने में हस्तक्षेप करने की की मांग कर रहे हैं।
मछुआरा संघों ने केंद्र सरकार से इस संबंध में द्वीपीय राष्ट्र के साथ राजनयिक वार्ता शुरू करने और सीमा पार मछली पकड़ने के बार-बार होने वाले विवादों का स्थायी समाधान निकालने का आग्रह भी किया है।
दरअसल, आठ अक्टूबर को मछुआरे रामनाथपुरम जिले के रामेश्वरम के मछली पकड़ने वाले बंदरगाह से 300 से ज़्यादा नावों में सवार होकर समुद्र में गए थे। जब वे थलाईमन्नार और धनुषकोडी के बीच मछली पकड़ रहे थे, तभी श्रीलंकाई नौसेना वहां पहुंची और रामेश्वरम से 4 नावों और उनमें से 30 मछुआरों को यह दावा करते हुए गिरफ्तार कर लिया कि वे सीमा पार से मछली पकड़ रहे थे।
गिरफ्तार किए गए मछुआरों को श्रीलंका की मन्नार अदालत में पेश किया गया। मछुआरों की सुनवाई करने वाली अदालत ने 30 मछुआरों को 23 तारीख अक्टूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। इस आदेश के बाद रामेश्वरम के सभी 30 मछुआरों को श्रीलंका में कैद कर लिया गया।
इसी तरह, श्रीलंकाई नौसेना ने श्रीलंका के पश्चिमी समुद्री क्षेत्र नेदुनथीवु में मछली पकड़ रहे तमिलनाडु के 17 मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें कांकेसंथुराई नौसैनिक शिविर ले गई। उनकी एक नाव भी ज़ब्त कर ली गई। एक ही रात में 5 मछली पकड़ने वाली नावों और 47 मछुआरों की गिरफ़्तारी की घटना से रामेश्वरम के मछुआरों में भारी आक्रोश फैल गया। और फिर वे केंद्र और राज्य सरकार से इस मामले में हस्तछेप करने की मांग को लेकर अनिश्चिकालीन हड़ताल पर चले गए।
मछुआरों हड़ताल पर चले जाने की वजह से 700 से ज़्यादा मछली पकड़ने वाली नावें रामेश्वरम बंदरगाह पर लंगर डालकर खड़ी हैं। 5 हज़ार से ज़्यादा मछुआरे और 10 हज़ार से ज़्यादा मछली पकड़ने के उद्योग से जुड़े लोग (मज़दूर) फिलहाल बेरोजगार हो चुके हैं।
इस बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने भी श्रीलंकाई नौसेना की कार्रवाई की निंदा की है। उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को एक पत्र भी लिखा, जिसमें उन्होंने कहा है कि श्रीलंकाई नौसेना द्वारा गिरफ़्तार किए गए मछुआरों को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए। श्रीलंकाई जेलों में बंद तमिलनाडु के मछुआरों को रिहा कराने के लिए काउंसलर कार्रवाई ज़रूरी है।
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हिन्दुस्थान समाचार / Dr. Vara Prasada Rao PV