रिश्तों पर लालच भारी: ममेरे भाई ने पत्नी और दोस्त संग मिलकर की अमराराम की हत्या
रिश्तों पर लालच भारी-ममेरे भाई ने पत्नी और दोस्त संग मिलकर की अमराराम की बेरहमी से हत्या


भीलवाड़ा, 11 अक्टूबर (हि.स.)।

भीलवाड़ा जिले के गंगापुर थाना क्षेत्र में गुरुवार को हुई अमराराम की हत्या के मामले का पुलिस ने शनिवार को खुलासा कर दिया है। इस सनसनीखेज हत्याकांड में पुलिस ने मृतक के ममेरे भाई, उसकी पत्नी और एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। हत्या के पीछे पुराना आर्थिक विवाद और ब्याज के पैसों का लेन-देन मुख्य कारण बताया गया है।

ग्ंगापुर थाना प्रभारी लीलाधर मालवीय ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों में रोशनलाल (39) पुत्र केसू बंजारा निवासी पालरा हाल गंगापुर, उसकी पत्नी प्रेम देवी (35) और साथी संतोष (28) पुत्र हरि सिंह बंजारा निवासी गंगापुर शामिल हैं। पूछताछ में सामने आया कि मृतक अमराराम (50) पुत्र गौरू बंजारा निवासी चतरपुरा, थाना रायपुर, ब्याज पर रुपए उधार देने का कार्य करता था। उसने चार वर्ष पहले अपने ममेरे भाई रोशन को एक लाख रुपये उधार दिए थे, जिन पर भारी ब्याज लगाकर उसने करीब सात लाख रुपये वसूल कर लिए थे। इसी वसूली से परेशान होकर रोशन, उसकी पत्नी और मित्र संतोष ने मिलकर अमराराम की हत्या की योजना बनाई।

शव बोरे में डालकर फेंका गया था-

गुरुवार सुबह गंगापुर-रायपुर रोड पर स्पिन फैड मिल के पास खाली प्लॉट में एक व्यक्ति का शव मिलने की सूचना पुलिस को मिली। मौके पर पहुंची टीम ने देखा कि शव पर सिर और चेहरे पर धारदार हथियार से गहरी चोटें थीं। मृतक की पहचान अमराराम बंजारा के रूप में की गई। प्रारंभिक जांच में ही यह साफ हो गया कि हत्या के बाद शव को छुपाने की कोशिश की गई थी, क्योंकि शव को बोरे में बंद कर फेंका गया था।

परिजनों ने किया प्रदर्शन-

हत्या की सूचना मिलते ही मृतक के भाई राम बंजारा ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। रिपोर्ट में कहा गया कि अमराराम के गहने और मोबाइल भी गायब हैं। यह रिपोर्ट अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज की गई थी। पुलिस की धीमी कार्रवाई से नाराज परिजनों और ग्रामीणों ने करीब 12 घंटे तक प्रदर्शन किया और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की।

मोबाइल लोकेशन से खुला राज-

पुलिस ने इस जघन्य वारदात की गुत्थी सुलझाने के लिए कई टीमों का गठन किया। तकनीकी जांच में अमराराम का मोबाइल बुधवार दोपहर 12:30 बजे बंद पाया गया, जिसकी लास्ट लोकेशन मेहतता पेट्रोल पंप, रायपुर रोड पर थी। जांच में पता चला कि अमराराम को रोशन की होटल ‘जय मां जोगणिया’ के पास आखिरी बार देखा गया था। इसी आधार पर पुलिस ने रोशन को हिरासत में लिया।

पूछताछ में रोशन ने स्वीकार किया कि उसने पत्नी प्रेम देवी और दोस्त संतोष के साथ मिलकर अमराराम की हत्या की थी। उसने बताया कि हत्या के बाद शव को बोरे में भरकर पहले होटल के पास छिपाया और फिर रात में उसे स्पिन मिल के पास सुनसान प्लॉट में फेंक दिया। संतोष ने सबूत मिटाने के लिए मृतक की मोटरसाइकिल को कुएं में फेंक दिया।

हत्या के बाद आरोपित परिवार के साथ बनता रहा निर्दोष

हत्या के बाद भी रोशन ने खुद को निर्दोष दिखाने के लिए चौंकाने वाला कदम उठाया। वह मृतक के परिवार के साथ लाश की तलाश में, अस्पताल और मॉर्च्युरी तक गया, ताकि शक न हो। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आरोपित ने इतनी चालाकी से खुद को बचाने की कोशिश की कि पहले कुछ घंटों तक जांच दिशा भटक गई।

पैसों के लालच और ब्याजखोरी से जन्मा हत्याकांड

पुलिस पूछताछ में सामने आया कि अमराराम ब्याज पर पैसे देने का काम करता था और कई लोगों से भारी ब्याज वसूल कर चुका था। रोशन और संतोष दोनों उसकी ब्याजखोरी से तंग आ चुके थे। अमराराम लगातार पैसों की मांग कर रहा था, जिससे परेशान होकर तीनों ने उसकी हत्या का फैसला कर लिया।

8 अक्टूबर की दोपहर अमराराम, उधारी के पैसे लेने के लिए रोशन की होटल पर गया था। वहां काफी देर रुकने के बाद वह कुछ देर के लिए सो गया। उसी वक्त रोशन ने धारदार हथियार से उसके सिर और चेहरे पर हमला कर दिया। हत्या के बाद पत्नी प्रेम देवी की मदद से शव को बोरे में डालकर छुपाया और फिर रात में फेंक दिया।

थाना प्रभारी लीलाधर मालवीय ने बताया कि तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है और हत्या में प्रयुक्त धारदार हथियार, बोरा, और मोबाइल रिकॉर्ड बरामद किए जा रहे हैं। पुलिस आरोपितों से और भी जानकारी जुटा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस योजना में और कोई शामिल था या नहीं।

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हिन्दुस्थान समाचार / मूलचंद