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कोलकाता, 11 अक्टूबर (हि.स.)। उत्तर बंगाल में लगातार हुई मूसलाधार बारिश और भूस्खलन से दार्जिलिंग के चाय बागानों को भारी नुकसान पहुंचा है। कई इलाकों में बागानों की आंतरिक सड़कों, बिजली और जल आपूर्ति व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। इस विनाश के बाद दार्जिलिंग के चाय बागान मालिक अब राज्य सरकार से मदद मांगने की तैयारी में हैं, ताकि बागानों में बुनियादी ढांचा और संचार व्यवस्था दोबारा बहाल की जा सके और भविष्य की फसल प्रभावित न हो।
जानकारी के अनुसार, दार्जिलिंग के करीब 30 से 35 चाय बागान भारी बारिश और भूस्खलन से प्रभावित हुए हैं। कई जगहों पर चाय की झाड़ियां बह गईं, श्रमिकों के घर नष्ट हो गए और कुछ मजदूरों की मौत की भी खबर है।
दार्जिलिंग टी एसोसिएशन (डीटीए) की बैठक में राज्य सरकार से सहायता की मांग करने का निर्णय लिया गया। संगठन के वरिष्ठ सदस्य और चामोंग टी के चेयरमैन अशोक लोहिया ने बताया कि भारी वर्षा से बागानों के अंदर की सड़कों को गंभीर क्षति पहुंची है।
डीटीए के प्रधान सलाहकार संदीप मुखर्जी ने कहा, “हमने यह तय किया है कि राज्य सरकार से बागानों में सड़कों, पेयजल और बिजली जैसी आधारभूत सुविधाओं के पुनर्निर्माण के लिए सहायता मांगी जाएगी, ताकि कामकाज सुचारू रूप से चल सके।”
दार्जिलिंग की चाय उत्पादक कंपनियों के लिए यह नुकसान और भी बड़ा झटका है, क्योंकि शरद ऋतु की फसल — जो सालाना उत्पादन का लगभग 15 से 20 प्रतिशत होती है — इस बार बुरी तरह प्रभावित हुई है। पिछले वर्ष दार्जिलिंग की सुगंधित चाय का उत्पादन छह मिलियन किलोग्राम से भी नीचे चला गया था।
मुखर्जी के अनुसार, “करीब 200 से 250 हेक्टेयर क्षेत्र में चाय की झाड़ियां नष्ट हो गई हैं, जिससे बागान मालिकों पर आर्थिक दबाव बढ़ गया है।”
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर