बलोच लिबरेशन आर्मी ने जामरान में पाकिस्तानी सेना को रसद पहुंचाने पर पाबंदी लगाई
यह फिदा अहमद बलोच का स्मारक है। उन्होंने 1980 के दशक में बलोच राष्ट्रीय युवा आंदोलन की स्थापना की थी। फोटो - इंटरनेट मीडिया


क्वेटा, 11 अक्टूबर (हि.स.)। पाकिस्तान से आजादी की मांग को लेकर सशस्त्र विद्रोह कर रही बलोच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने रणनीतिक रूप से बड़ा फैसला किया है। बीएलए ने ज़मरान को नियंत्रण में लेने के लिए पहुंची पाकिस्तानी सेना को रसद पहुंचाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। चेतावनी दी गई है कि अगर रसद पहुंचाने में कोई स्थानीय निवासी पाया जाता है कि वह अपने अंजाम के लिए खुद जिम्मेदार होगा।

द बलोचिस्तान पोस्ट (पश्तो भाषा) की रिपोर्ट के अनुसार, बलोच लिबरेशन आर्मी के प्रवक्ता जैंद बलोच ने मीडिया को जारी बयान में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उनके लड़ाकों ने कुल्लवाह, जमरान और बिलिडा में पाकिस्तानी सेना, उसके आपूर्ति वाहन और एक उपकरण को निशाना बनाया । प्रवक्ता ने बताया कि कोलवाह के दुंदर इलाके में लड़ाकों ने रिमोट कंट्रोल से आईईडी हमला करके पाकिस्तानी सेना के पैदल सैनिकों को निशाना बनाया। परिणामस्वरूप पाकिस्तानी सेना के तीन जवान मौके पर मारे गए।

उन्होंने कहा कि बिलिडा में लड़ाकों ने पाकिस्तानी सेना के तथाकथित मौत दस्ते के सदस्य दादिन पुत्र यालान को उसके घर पर हमला करके मार डाला। प्रवक्ता ने कहा कि ज़मरान के सबुनी इलाके में रिमोट कंट्रोल आईईडी हमले में पाकिस्तानी सेना के लिए सामान ले जा रहे एक वाहन को उड़ा दिया गया।

प्रवक्ता ने कहा, हमने यह भी देखा है कि ज़मरान में कुछ निजी वाहन मालिक पाकिस्तानी सेना को रसद पहुंचाते हैं। बलोच लिबरेशन आर्मी स्पष्ट करती है कि ऐसा करना अपराध है। लड़ाके इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। उल्लेखनीय है कि बीएलए का संकल्प बलोच लोगों के लिए स्वतंत्र राज्य की स्थापना करना है। बीएलए ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे जैसे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर काम कर रहे चीनी नागरिकों को भी निशाना बनाया है।

बीएलए का दावा है कि पाकिस्तानी सरकार बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों (गैस, कोयला, खनिज) का शोषण करती है। बीएलए, बलोचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ) और बलोचिस्तान रिपब्लिकन आर्मी (बीआरए) जैसे अन्य बलोच समूहों के साथ काम करती है। बलोचिस्तान में विद्रोह और हिंसा का इतिहास दशकों पुराना है।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद