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गुजविप्रौवि के डा. भीवराव अंबेडकर पुस्तकालय में हुई ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ साहित्य कुंज’ की स्थापनाहिसार, 1 अक्टूबर (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का साहित्य आध्यात्मिक, नैतिक व सामाजिक मूल्यों के साथ-साथ राष्ट्र प्रेम के लिए प्रेरित करता है। आरएसएस राष्ट्र पुनर्निमाण, निस्वार्थ सेवा व राष्ट्र प्रथम-सदैव प्रथम के सिद्धांतों को लेकर चलता है। आरएसएस का साहित्य राष्ट्र के लिए ज्योति स्तम्भ का कार्य करता है। प्रो. नरसी राम बिश्नोई बुधवार को विश्वविद्यालय के डा. भीमराव अंबेडकर पुस्तकालय में आरएसएस की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य पर ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ साहित्य कुंज’ के लोकार्पण समारोह को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. विजय कुमार विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे जबकि अध्यक्षता पुस्तकालयाध्यक्ष डा. विनोद कुमार ने की।कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ साहित्य कुंज’ में आरएसएस के विचारकों द्वारा लिखी गई 1500 पुस्तकों की प्रतियां रखी गई हैं। इन पुस्तकों में आरएसएस के सभी महान विचारकों के विचारों के साथ-साथ उनके जीवन और दर्शन का वर्णन किया गया है। साथ ही राष्ट्र के निर्माण में आरएसएस द्वारा किए गए महान कार्यों तथा विचारों और व्यवस्थाओं से संबंधित पुस्तकें भी इस साहित्य कुंज का हिस्सा होंगी। उन्होंने इस साहित्य को भारत की सनातन संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का एक सकारात्मक प्रयास बताया। कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने सम्पूर्ण साहित्य का गहराई से अवलोकन भी किया।कुलसचिव डा. विजय कुमार ने भी इस अवसर पर कहा कि यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ साहित्य कुंज’ की स्थापना हुई है। इन पुस्तकों के पठन-पाठन से विद्यार्थियों में नैतिक व राष्ट्र प्रेम की भावना प्रबल होगी। पुस्तकालय अध्यक्ष डा. विनोद कुमार ने बताया कि यह साहित्य आम नागरिकों के लिए भी उपलब्ध रहेगा। इस अवसर पर तकनीकी सलाहकार प्रो. विनोद छोकर, डा. प्रताप सिंह, डा. नरेन्द्र कुमार, डा. एसएस जोशी, डा. सोमदत्त, डा. मोनिका, प्रो. विमल के. झा व प्रो. अरुणेश कुमार उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर