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जींद, 1 अक्टूबर (हि.स.)। जिला कारागार में बुधवार को लोक अदालत का आयोजन किया गया। लोक अदालत में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मोनिका के समक्ष जेल लोक अदालत में चार मामले विचाराधीन रखे गए जो कि दो मुकद्में का मौके पर ही निपटान किया गया तथा आरोपित पर और कोई मुकद्मा न हो तो रिहा करने का आदेश पारित किया गया। प्राधिकरण सचिव ने कारागार में रह रहे बंदियों से बातचीत कर उन्हें मुफ्त कानूनी सेवाओं व अपील के अधिकार से अवगत कराया गया तथा निरीक्षण के दौरान उन्होंने कैदियों व हवालातियों को उनके केसों में आ रही कठिनाइयों को सुना वह समस्याओं के समाधान संबंधी जानकारी दी।
इसके अलावा प्राधिकरण सचिव ने जेल में बंद कैदियों से अपील की यदि किसी व्यक्ति को अपने केस की पैरवी करने के लिए अधिवक्ता की जरूरत है तो वह मुफ्त कानूनी सहायता के लिए प्राधिकरण के अधिवक्ताओं की सेवा ले सकता है। इस संबंध में एक लिखित दरखास्त जेल प्रशासन के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जींद के कार्यालय में भेजनी होती है। प्राधिकरण सचिव ने जेल प्रशासन के अधिकारियों को महिला बंदियों की समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कानूनी सलाह रहने, सहने खाने-पीने से संबंधित जरूरी दिशा निर्देश दिए।
इस अवसर पर जेल सुपरिंटेंडेंट दीपक शर्मा, डिप्टी सुपरिटेंडेंट विक्रम, नंद मोहन शर्मा, प्रियंका व जसवीर और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की तरफ से डिप्टी सुपरिंटेंडेंट अनिल जैन तथा प्रतीक खरब असिस्टेंट तथा जेल कर्मचारी उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सहायता हेल्पलाइन नंबर 15100 पर घर बैठे किसी भी प्रकार की कानूनी सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा