कानपुर देहात के कथरी स्थित कात्यायनी देवी मंदिर का होगा पर्यटन विकास
जयवीर सिंह


लखनऊ, 01 अक्टूबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने आदि शक्ति के उपासकों और श्रद्धालुओं को बड़ा उपहार दिया है। मुख्यमंत्री पर्यटन स्थलों के विकास योजना अंतर्गत कानपुर देहात के कथरी स्थित प्राचीन कात्यायनी देवी मंदिर के पर्यटन विकास के लिए 1 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई है। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि 'कात्यायनी देवी मंदिर शक्ति आराधना का महत्वपूर्ण स्थल है। सरकार का उद्देश्य इस प्राचीन व धार्मिक स्थल को पर्यटन मानचित्र पर और सशक्त बनाना है, जिससे श्रद्धालु और पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिल सके।'

मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि 'उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग का प्रयास है कि कथरी स्थित कात्यायनी देवी मंदिर को क्षेत्रीय धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाए। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।'

कात्यायनी देवी मंदिर का पर्यटन विकास

कानपुर देहात को धार्मिक मानचित्र पर विशिष्ट पहचान दिलाने के लिए पर्यटन विभाग ने कथरी स्थित प्राचीन कात्यायनी देवी मंदिर के समेकित विकास की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की है। इस परियोजना के तहत पर्यटन स्थल पर सुंदरीकरण, आधुनिक प्रकाश व्यवस्था, स्वच्छ शौचालय, सूचना केंद्र और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इन सुविधाओं के विकसित होने से न केवल स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि जनपद की पौराणिक और सांस्कृतिक धरोहर को भी नई पहचान मिलेगी।

क्यों विख्यात है देवी मंदिर?

मां कात्यायनी को देवी दुर्गा का छठा रूप माना जाता है। मान्यता है कि जो भी भक्त विशेषकर नवरात्र में श्रद्धा से मां कात्यायिनी का पूजन करता है, उसकी मनोकामना पूर्ण होती है। यह मंदिर बीहड़ के डाकुओं की आस्था का बड़ा केंद्र माना जाता रहा है। क्षेत्र में डाकुओं द्वारा सबसे पहले ध्वज चढ़ाने की कई कहानियां प्रचलित हैं। सांसद बनने के बाद फूलन देवी भी यहां पूजन करने आईं थीं। किंवदंती के अनुसार, कालांतर में शाहजहांपुर के तत्कालीन राजा गजाधर दुबे ने पुत्र-प्राप्ति की मन्नत पूरी होने पर भव्य मंदिर का निर्माण कराया था।

कैसे पहुंचे कात्यायिनी देवी मंदिर?

यह प्राचीन मंदिर इटावा रोड पर शाहजहांपुर गांव से लगभग छह किलोमीटर तथा तहसील मुख्यालय भोगनीपुर से करीब 16 किलोमीटर की दूरी पर बीहड़ में स्थित है। कानपुर नगर से मंदिर की दूरी करीब 85 किलोमीटर है। नवरात्र के समय इस मंदिर में बड़ा मेला लगता है। मेले में निकटवर्ती जनपदों के भी श्रद्धालु एवं भक्तगण बड़ी संख्या में आते हैं।

जिले में बढ़ रही पर्यटक संख्या

पर्यटन के लिहाज से कानपुर देहात उभरता जिला है। यहां दुर्वासा ऋषि आश्रम, 500 साल पुराना बरगद वृक्ष सहित कई दर्शनीय स्थल हैं। जनपद में वर्ष 2024 में 9,47,914 लाख से अधिक पर्यटक आए थे। वहीं, वर्ष 2025 की पहली तिमाही (जनवरी से मार्च) में ही 2,63,679 से अधिक सैलानियों ने जिले का रुख किया। बढ़ते पर्यटक आगमन से न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल रहे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन