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शिमला, 01 अक्टूबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिक्षक कल्याण संघ (हपुटवा) ने विश्वविद्यालय में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं अचानक समाप्त किए जाने पर गहरी नाराज़गी जताई है। संघ के अध्यक्ष डॉ. नितिन व्यास ने बुधवार को कहा गया कि विश्वविद्यालय में लगभग 200 आउटसोर्स कर्मचारी कार्यरत हैं जिनमें कई पिछले 8-10 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
डॉ. व्यास ने बताया कि पूर्व में जब भी आउटसोर्स कंपनियों का एग्रीमेंट रिन्यू किया गया, तब भी उन कंपनियों में कार्यरत कर्मचारी बिना किसी रुकावट के अपनी सेवाएं देते रहे। लेकिन इस बार पहली बार कर्मचारियों को 6 दिन का ब्रेक देकर सेवाएं रोकी गई हैं, जिससे कर्मचारियों में भारी रोष और असमंजस की स्थिति है।
उन्होंने कहा कि न तो कर्मचारियों को कोई पूर्व सूचना दी गई और न ही किसी प्रकार की लिखित चेतावनी। त्योहारों के समय जब सभी परिवार खुशियों की तैयारी में जुटे होते हैं, तब इन कर्मचारियों को इस तरह सेवाओं से हटाना अमानवीय कदम है। इससे न केवल कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति प्रभावित हुई है, बल्कि उनके परिवारों की त्योहार की खुशियां भी छिन गई हैं।
हपुटवा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय के कई विभाग जैसे फैकल्टी हाउस और कंस्ट्रक्शन विंग में कामकाज बुरी तरह चरमरा गया है। इससे विश्वविद्यालय प्रशासन को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
संघ ने स्पष्ट किया कि शिक्षक समुदाय आउटसोर्स कर्मचारियों के साथ खड़ा है और इस मुश्किल समय में उनका पूर्ण समर्थन करता है। हपुटवा ने विश्वविद्यालय प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप कर इन कर्मचारियों की पुनः बहाली की मांग की है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला