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चंडीगढ़, 21 अक्टूबर (हि.स.)। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कोरोना काल के दौरान दर्ज की गई 1112 एफआईआर को रद्द करने के आदेश जारी कर दिए। हाईकोर्ट ने सोमवार को माननीयों पर लंबित आपराधिक मामलों का जल्द निपटारा करने के लिए हाईकोर्ट की ओर से लिए गए संज्ञान के मामले में यह आदेश जारी किया गया है। हाई कोर्ट की तरफ से हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ से यह जानकारी मांगी गई थी कि उनके क्षेत्र में माननीयों पर कितने आपराधिक मामले लंबित हैं।
आंकड़े देखने के बाद कोर्ट ने पाया कि कई नेताओं पर कोरोना नियमों के उल्लंघन के चलते धारा 188 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। ऐसे हजारों केस आज भी अदालतों में चल रहे हैं। इनमें कई राजनेता भी शामिल थे। हाई कोर्ट ने कहा था कि महामारी का वो समय अब गुजर चुका है और ये हजारों केस अब भी अदालतों में पेंडिंग हैं। इससे अदालतों में कामकाज प्रभावित हो रहा है, ऐसे में ऐसे सभी केसों का एक साथ निपटारा किए जाने के लिए हाई कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए इन सभी केसों के ट्रायल पर रोक लगा दी थी।
हाई कोर्ट ने कहा था कि कोरोना महामारी के दौरान तब ऐसे हालात थे कि लोगों को बचाने के लिए नियमों को सख्ती से लागू किया गया था। लोग बड़े पैमाने पर आदेशों का पालन कर रहे थे लेकिन ऐसी आकस्मिक स्थितियां हो सकती थी, जिसने उन्हें भोजन, दवा आदि की आवश्यकता पूरी करने के लिए आदेशों का उल्लंघन करते हुए अपने घरों से बाहर निकलने के लिए मजबूर होना पड़ा होगा। अब हाई कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में 15 मार्च, 2020 से 28 मार्च, 2022 के बीच दर्ज ऐसी 1112 एफआईआर रद्द करने का आदेश दे दिया है। पंजाब में 859, हरियाणा में 169 और चंडीगढ़ में 84 एफआईआर लंबित हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा