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कानपुर, 21 अक्टूबर (हि.स.)। पुलिस स्मृति दिवस का उद्देश्य केवल शहीदों को याद करना नहीं है बल्कि वर्तमान पुलिस बल को प्रेरित करना है कि वह इसी तरह अपने कर्तव्यों का पालन करते रहे। यह बात सोमवार देर शाम कानपुर के फूलबाग पार्क स्थित गांधी भवन में पुलिस स्मृति दिवस के मौके पर पुलिस कर्मियों के लिए आयोजित लाइट एण्ड शो कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पुलिस आयुक्त कानपुर नगर अखिल कुमार ने कही।
उन्होंने कहा कि पुलिस स्मृति दिवस केवल शहीदों को याद करने का दिन नही है, बल्कि यह उन पुलिस कर्मियों के प्रति आभार प्रकट करने का अवसर भी है जो आज भी कठिन परिस्थितियों में देश की रक्षा के लिये हमेशा संकल्पित रहते है। उनके अदम्य साहस, धैर्य और देशभक्ति को नमन करते हुए इस दिन को हर भारतीय गर्व से मनाता है। पुलिस बल का कार्य हमेशा चुनौती पूर्ण और खतरों से भरा होता है। वे न केवल कानून और व्यवस्था बनाये रखते है बल्कि अपराधों के खिलाफ लड़ते हुए अपने प्राणों की आहूति भी देते है।
इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन ने कहा कि कानपुर शहर में अपने ऐतिहासिक, धार्मिक और पौराणिक स्वरूप को पूरे देश में एक पहचान दी है और जिला प्रशासन ने भी मण्डलायुक्त कानपुर अमित गुप्ता के मार्गदर्शन में कानपुर को पर्यटन के मानचित्र पर स्थापित करने में कानपुर दर्शन के रूप में एक अभिनव प्रयास शुरू किया गया है। जिसमें पर्यटकों को धार्मिक ऐतिहासिक और पौराणिक पर्यटन स्थलों का टूर गाइड एवं खान-पान की सुविधा के साथ आकर्षक रूप में उपलब्ध कराया जा रहा है। कानपुर दर्शन की तरफ से आज पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर पुलिस कर्मियों के लिये लाइट एण्ड शो कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कहा कि जन सेवा और बलिदान की मिसाल रहे पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि देने के लिये पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है। जन सेवा करते हुये बलिदान हुए पुलिस कर्मियों को नमन करता हूँ व उनको श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। उन्होंने कहा कि कानपुर दर्शन की ओर से बहुत अच्छी पहल की गयी है, जिन्होंने पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर लाइट एण्ड शो का आयोजन किया है।
अपर पुलिस महानिदेशक आलोक कुमार सिंह ने कहा कि 21 अक्टूबर को पूरे देश में आज पुलिस स्मृति दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन उन बहादुर पुलिस कर्मियों की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किये बिना देश की सुरक्षा के लिये अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। उनकी वीरता और समर्पण को श्रद्धांजलि देने के लिये हर साल यह दिन मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि पुलिस स्मृति दिवस की शुरुआत 21 अक्टूबर, 1959 को लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स में चीनी सेना के साथ संघर्ष में 10 पुलिसकर्मियों के शहीद होने के बाद हुयी थी। उनके साहस और बलिदान को याद करने के लिये इस दिन को विशेष रूप से समर्पित किया गया है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि पुलिसकर्मी हमेशा देश की रक्षा में तत्पर रहते है चाहे स्थिति कितनी भी कठिन क्यों न हो।
कार्यक्रम में कर्तव्य के दौरान बलिदान हुए पुलिसकर्मियों के योगदान को याद कर उनको श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये 2 मिनट का मौन धारण किया गया। कार्यक्रम में पुलिस आयुक्त अखिल कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक कानपुर रेंज आलोक कुमार सिंह, पुलिस महानिरीक्षक जोगेन्द्र कुमार, जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह, मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन सहित पुलिस व प्रशासन के अधिकारी उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / रामबहादुर पाल