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रांची, 21 अक्टूबर (हि.स.)। झारखंड हाई कोर्ट ने भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के सलाहकार सुनील कुमार तिवारी के खिलाफ यौन उत्पीड़न से संबंधित एवं गवाहों को धमकाने को लेकर दाखिल दो अलग-अलग प्राथमिकियों को निरस्त करने के लिए दायर याचिका पर साेमवार काे फैसला सुनाया। कोर्ट की एकल पीठ ने सुनील तिवारी की याचिका को स्वीकृत कर लिया। साथ ही इससे संबंधित अरगोड़ा थाना में दर्ज दोनों प्राथमिकियों को निरस्त कर दिया। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव, पार्थ जालान और शिवानी जालूका ने पक्ष रखा।
अगस्त 2021 में सुनील तिवारी के खिलाफ रेप एवं जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल को लेकर खूंटी की एक लड़की ने अरगोड़ा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि इस मामले में शिकायतकर्ता ने रांची की अदालत में केस वापसी के लिए याचिका दाखिल की है, जिसमें शिकायतकर्ता ने कहा है कि उसने आरोप की सत्यता को समझे बिना कुछ गलतफहमी के कारण प्राथमिकी दर्ज कराई है। वह इस मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहती है।
पूरा मामला खूंटी जिले की एक लड़की से जुड़ा है, जिसने साल 2021 में सुनील तिवारी के खिलाफ शारीरिक शोषण का मामला दर्ज कराया था। खूंटी की पीड़िता ने अपनी एफआईआर में लिखा है कि सुनील तिवारी द्वारा उसका शारीरिक, मानसिक और आर्थिक शोषण किया गया। इसके बाद उसने रांची के अरगोड़ा थाने में सुनील तिवारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराया गया। इस मामले में सुनील तिवारी को गिरफ्तार किया गया था। वह फिलहाल जमानत पर है।
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हिन्दुस्थान समाचार / शारदा वन्दना