Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
शिवानी को प्रतियोगिता का एथलीट एंबेसडर किया गया घोषित
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (हि.स.)। युवा मामले और खेल मंत्रालय से मान्यता प्राप्त ओलंपिक्स भारत ने सोमवार को यहां स्पेशल ओलंपिक्स एशिया पैसिफिक बोक्से और बॉलिंग प्रतियोगिता 2024 के लिए अपनी नई जर्सी का अनावरण किया। साथ ही शिवानी को प्रतियोगिता का एथलीट एंबेसडर घोषित किया गया।
स्पेशल ओलंपिक एशिया पैसिफिक बोक्से और बॉलिंग प्रतियोगिता का आयोजन 18 से 23 नवंबर, 2024 तक नई दिल्ली में किया जाएगा।
द ललित होटल में आयोजित एक प्रेसवार्ता में जर्सी का अनावरण किया गया।
भारत में आयोजित होने वाली यह इस तरह की पहली प्रतियोगिता है जिसमें 22 साल और उससे ज्यादा उम्र के बौद्धिक और विकासात्मक विकलांगता (आईडीडी) वाले एथलीटों पर ध्यान केंद्रित करती है। इस प्रतियोगिता से उन एथलीटों को खास मौका मिलेगा, जिनकी खेलों में भागीदारी उम्र बढ़ने के साथ कम हो जाती है।
12 स्पेशल ओलंपिक कार्यक्रमों के 100 से अधिक एथलीट प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए तैयार हैं, जो 3 अलग-अलग क्षेत्रों, पूर्वी एशिया, यूरोप यूरेशिया और एशिया प्रशांत से हैं।
कार्यक्रम के दौरान, स्पेशल ओलंपिक भारत की अध्यक्ष डॉ मल्लिका नड्डा ने कहा, “आज, हमें स्पेशल ओलंपिक भारत के लिए जर्सी का अनावरण करने और शिवानी को हमारे एथलीट एंबेसडर के रूप में घोषित करने का हमें मौका मिला है। यह प्रतियोगिता केवल खेल के बारे में नहीं है; यह मानवीय भावना, दृढ़ संकल्प और एकता की शक्ति का उत्सव है। पूरे एक सप्ताह तक, हम साहस, दृढ़ संकल्प और जीत की कहानियां देखेंगे क्योंकि एथलीट, उनके परिवार और समर्थक साथ मिलकर एकता और दोस्ती का बेहतरीन उदाहरण पेश करेंगे। हम आप सभी को इस खास सफर का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करते हैं क्योंकि हम उन एथलीटों का सम्मान करते है जो हमें याद दिलाते हैं कि जब हम एकजुट होते हैं तो हम क्या हासिल कर सकते हैं इसकी कोई सीमा नहीं है।”
कार्यक्रम में एथलीट ब्रांड एंबेसडर शिवानी ने कहा, स्पेशल ओलंपिक्स एशिया पैसिफिक बोचे और बॉलिंग प्रतियोगिता 2024 के लिए स्पेशल ओलंपिक्स भारत की एथलीट एंबेसेडर होने पर मुझे बहुत गर्व है। खेल में मेरे सफर ने मेरा जीवन बदल दिया है-इसने मुझे चुनौतियों से उभरने और दुनिया को दिखाने की ताकत दी कि कड़ी मेहनत और विश्वास के साथ, कुछ भी संभव है। एक एथलीट एंबेसडर के रूप में, मैं बौद्धिक रूप से अक्षम लोगों को अपने जुनून को आगे बढ़ाने और कभी हार न मानने के लिए प्रेरित करने की उम्मीद करती हूं। मैं चाहती हूं कि हर कोई यह जाने खेलों में शामिल होने से मुश्किलें दूर हो सकती हैं और हम सभी को अपनी वास्तविक क्षमता तक पहुंचने में मदद मिल सकती है।
कार्यक्रम का समापन जनता और मीडिया से यह अपील करते हुए हुआ कि इस सहभागिता का साथ दें और एथलीटों व स्पेशल ओलंपिक्स भारत आंदोलन के साथ खड़े हों, ताकि वे अपने सपनों को दुनिया भर में साकार कर सकें।
स्पेशल ओलंपिक भारत एक समावेशी समाज को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है जहां प्रत्येक व्यक्ति को सफल होने और चमकने का अवसर मिले। संगठन आगामी विशेष ओलंपिक एशिया प्रशांत बोचे और बॉलिंग प्रतियोगिता के लिए तत्पर है और सभी को आशा और सशक्तिकरण के इस आंदोलन में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे