Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
सोनभद्र, 21 अक्टूबर (हि.स.)। साढ़े छह वर्ष पूर्व ग्यारह वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट सोनभद्र अमित वीर सिंह की अदालत ने सोमवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी महेश गोड़ को 20 वर्ष की कठोर कैद एवं एक लाख 5 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से 80 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगा।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक ओबरा थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता के पिता ने ओबरा थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि 4-5 जून 2018 की रात करीब 9 बजे जब उसकी ग्यारह वर्षीय नाबालिग बेटी घर में सो रही थी तभी महेश गोड़ पुत्र अजमेर गोड़ निवासी मेडरदह, थाना अनपरा, जिला सोनभद्र हाल पता बिल्ली मारकुंडी, थाना ओबरा, जिला सोनभद्र घर मे घुस गया और नाबालिग बेटी के साथ जबरन बलात्कार किया। चिल्लाने की आवाज सुनकर जब पति-पत्नी समेत आसपास के लोग पहुंचे तो वह भाग गया। इस तहरीर पर पुलिस ने 5 जून 2018 को बलात्कार और पाक्सो एक्ट में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया। दौरान विवेचना विवेचक ने बयान लेने के बाद पर्याप्त सबूत मिलने पर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था।
मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, 7 गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी महेश गोड़ को 20 वर्ष की कठोर कैद एवं एक लाख 5 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश प्रसाद अग्रहरि, सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह ने बहस की।
हिन्दुस्थान समाचार / पीयूष त्रिपाठी