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जम्मू, 21 अक्टूबर (हि.स.)। उत्तर पीठ (ज्योतिष) के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज सोमवार को दो दिवसीय दौरे पर जम्मू पहुंचे। इस दौरान शाम को उन्होंने अपने 100 साधुओं के साथ माता बावे वाली के दरवार में पहुंचकर माता का आशीर्वाद लिया। जम्मू पहुंचने पर जेकेपीसीसी के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री रमन भल्ला ने उनका स्वागत किया। वहीं मंगलवार को दोपहर 2 बजे के बाद शंकराचार्य जी रमन भल्ला के निवास पर भक्तों को दर्शन देंगे और अपने प्रवचनों से भक्तों को मंत्रमुग्ध करेंगे
इसी बीच कांग्रेस के दिग्गज नेता रमन भल्ला ने अनुयायियों से अपील की है कि वे मंगलवार को शंकराचार्य के दर्शन के लिए आएं और उनका आशीर्वाद लें। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती गंगा और गायों की रक्षा के लिए हमेशा सक्रिय रहते हैं। जब काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लिए वाराणसी में मंदिरों को तोड़ा गया था, तब उन्होंने इसका विरोध किया था। गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित कराने के लिए उन्होंने 2008 में लंबा अनशन किया था। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गुरु के निर्देश पर उन्होंने अनशन समाप्त किया था। उनकी प्रेरणा से काशी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में नवल व्याकरण विषय में आचार्य तक की शिक्षा ली। इस दौरान छात्र राजनीति में भी सक्रिय रहे। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में छात्रसंघ के महामंत्री पद पर निर्वाचित हुए। 15 अप्रैल 2003 को उमाशंकर को दंड संन्यास की दीक्षा दी गई और उनका नाम स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती रखा गया। केदारघाट स्थित श्रीविद्यामठ की पूरी कमान उन्हीं के पास है।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा