हिसार : सीबीआई कोर्ट ने राजेश हत्याकांड के आरोपी राजुकमार की जमानत याचिका खारिज की
वर्ष 2017 में लडक़ी के परिजनों द्वारा की गई थी अनुसूचित जाति के युवक राजेश की हत्या, सीबीआई कोर्ट में चल रहा है केस हिसार, 21 अक्टूबर (हि.स.)। हिसार के बहुचर्चित राजेश ऑनर कीलिंग मामले में सीबीआई कोर्ट पंचकूला के स्पेशल जज राजीव गोयल ने अपने महत्वपूर
लव मैरिज के बाद की फाइल फोटो।


वर्ष 2017 में लडक़ी के परिजनों द्वारा की गई थी अनुसूचित जाति के युवक राजेश की हत्या, सीबीआई कोर्ट में चल रहा है केस

हिसार, 21 अक्टूबर (हि.स.)। हिसार के बहुचर्चित राजेश ऑनर कीलिंग मामले में सीबीआई कोर्ट पंचकूला के स्पेशल जज राजीव गोयल ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में हत्या के आरोपी राजकुमार उर्फ कालिया की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। पीडि़त परिवार की ओर से इस केस की पैरवी हाईकोर्ट के वकील एडवोकेट रोहित धीर कर रहे हैं।

जय भीम आर्मी ट्रस्ट के चेयरमैन संजय चौहान ने सोमवार को बताया कि एडवोकेट रोहित धीर ने हत्या के आरोपी कालिया की पैरोल के खिलाफ बहस करते हुए कहा कि आरोपी ने पैसे लेकर मर्डर किया है जिससे वह एक पेशेवर अपराधी है इसलिए उसकी जमानत से पीडि़त पक्ष के परिजनों की जान को खतरा हो सकता है इसलिए उसे जमानत न दी जाए जिस पर अदालत ने उसकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया। लडक़ी के पिता शमशेर सिंह की जमानत याचिका को अदालत पहले ही 5 जुलाई 2022 को खारिज कर चुकी है।

संजय चौहान ने बताया कि राजेश व पूनम ने उनकी ट्रस्ट सनातन धर्म चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से ही अंतर्जातीय प्रेम विवाह किया था, जिससे लडक़ी के परिजन नाराज थे और इसी के चलते वर्ष 2017 में राजेश की ऑनर कीलिंग कर दी गई थी जिसमें हिसार पुलिस द्वारा निष्पक्ष जांच व कार्यवाही नहीं करने पर सनातन धर्म चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से उच्च न्यायालय में मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी। हिसार पुलिस को माननीय उच्च न्यायालय ने भी इस मामले में पक्षपात करते हुए पीडि़तों की बजाय आरेापियों का साथ देने पर कड़ी फटकार लगाई थी। इसके बाद जांच सीबीआई पंचकुला को सौंप दी गई और टीम ने जांच शुरू कर इस जघन्य हत्याकांड की जांच की और आरोपियों को गिरफ्तार किया।

सजय चौहान ने बताया कि उन्होंने 6 अगस्त 2018 को एडवोकेट रामनिवास कुश के माध्यम से हाईकोर्ट में सीबीआई जांच के लिए केस डाला था जिसके बाद 3 अक्टूबर 2018 को हिसार के तत्कालीन एसपी व एसएचओ को हाईकोर्ट में तलब भी किया गया था। उच्च न्यायालय ने 3 दिसंबर 2018 को सीबीआई के जांच के आदेश दिए थे और यह केस सीबीआई के हाथों में चला गया था। अब सीबीआई की अदालत में यह केस चल रहा है जिसमें दो आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर