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- खाद्य मंत्री ने किया बीएमसी का औचक निरीक्षण, कहा-मेडिकल कॉलेज में खोले जाएंगे और भी डिपार्टमेंट
भोपाल, 21 अक्टूबर (हि.स.)। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने सोमवार को बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज सागर का निरीक्षण किया। उन्होंने विभिन्न डिपार्टमेंट के एचओडी के साथ बैठक कर समीक्षा भी की। इस अवसर पर मंत्री राजपूत ने कहा कि लोगों की अपेक्षाओं के अनुरूप बीएमसी में स्वास्थ्य सुविधाओं का और विस्तार किया जाएगा। मेडिकल कॉलेज में और भी आवश्यक डिपार्टमेंट खोले जाएंगे।
उन्होंने सफल कार्निया प्रत्यारोपण पर खुशी जताते हुए कहा कि सागर में ऐसी सुविधाएं मिलना शुरू हो गईं हैं जो संपूर्ण क्षेत्र के लिए खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में पहले जिन सुविधाओं का अभाव था वह धीरे-धीरे अब पूरी हुई हैं। यहां नए डिपार्टमेंट भी खुले हैं और जिन डिपार्टमेंट्स की आवश्यकता है वह भी पूरी की जाएगी। खासकर यहां कैंसर की मशीन आना है। हमारा प्रयास रहेगा कि भविष्य में यहां कैंसर अस्पताल खोला जाए।
उन्होंने कहा कि इस विषय को लेकर उनकी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से चर्चा हुई है और स्वास्थ्य मंत्री से भी बात हुई है। सागर मेडिकल कॉलेज में जिन- जिन चीजों की आवश्यकता है उनकी जल्द ही पूर्ति किये जाने के लिए संकल्पित हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज से लोगों की बहुत सी अपेक्षाएं हैं। यहां आ रहे मरीजों के लिए अधिक से अधिक सुविधाओं की पूर्ति हो यह हमारा प्रयास रहेगा।
विधायक शैलेंद्र जैन ने निरीक्षण के दौरान कहां की बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में कैथ लैब न्यूरो विभाग खोलने के लिए सभी तैयारी सुनिश्चित की गई है। शीघ्र ही यह विभाग कार्य करना शुरू करेंगे।
इस अवसर पर अधिष्ठाता डॉक्टर पीएस ठाकुर ने बताया कि प्रसूति विभाग में डॉक्टरों की कमी है, उसको तत्काल पूरा किया जाए। अभी यहां प्रत्येक माह 1100 से अधिक प्रसव हो रहे हैं। महिला प्रसूति वार्ड की विभाग अध्यक्ष डॉक्टर शीला जैन ने बताया कि डॉक्टरों की पूर्ति हो जाए तो हम लोग 2000 तक प्रसव कराने में सक्षम है। डॉक्टर सुनील सक्सेना ने सर्जरी विभाग के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि सर्जरी विभाग के साथ-साथ महिलाओं के स्तन कैंसर की भी जांच की जाती है एवं ऑपरेशन किए जा रहे हैं।
नाक कान विभाग की विभाग अध्यक्ष डॉक्टर रीमा गोस्वामी ने मंत्री राजपूत को बताया कि नवजात बच्चों के बहरेपन की जांच प्रथम दिन से ही की जाती है एवं स्पीच थेरेपी भी की जा रही है। इसी प्रकार नेत्र विभाग के डॉ प्रवीण करे ने बताया कि यहां नेत्र प्रत्यारोपण होने से लोगों में कॉलेज के प्रति विश्वास बढ़ा है। हमें कॉलेज को नेत्रदान करने वाले दानदाता भी मिल रहे हैं। आवश्यकता अनुसार व्यक्तियों का नेत्र प्रत्यारोपण किया जा रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर