प्रयागराज जंक्शन पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग (ईआई) चालू
--नई दिल्ली-हावड़ा रूट पर निर्बाध और सुरक्षित परिचालन सुनिश्चित करने को 825 रूटों की ईआई स्थापित प्रयागराज, 21 अक्टूबर (हि.स.)। उत्तर मध्य रेलवे ने प्रयागराज जंक्शन यार्ड रीमॉडलिंग और प्रयागराज जंक्शन-रामबाग दोहरीकरण कार्य के सम्बंध में नई इलेक्ट्रॉन
निरीक्षण करते


--नई दिल्ली-हावड़ा रूट पर निर्बाध और सुरक्षित परिचालन सुनिश्चित करने को 825 रूटों की ईआई स्थापित

प्रयागराज, 21 अक्टूबर (हि.स.)। उत्तर मध्य रेलवे ने प्रयागराज जंक्शन यार्ड रीमॉडलिंग और प्रयागराज जंक्शन-रामबाग दोहरीकरण कार्य के सम्बंध में नई इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग की स्थापना कर महाप्रबंधक उपेंद्र चंद्र जोशी के नेतृत्व में एक और उपलब्धि हासिल की है। प्रयागराज जंक्शन स्टेशन पर क्योसन निर्मित इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग चालू की गई है, जिससे ट्रेन संचालन में बेहतर फ्लेक्सबिलिटी के लिए 825 रूट उपलब्ध होंगे।

मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी शशि कांत त्रिपाठी के अनुसार प्रयागराज उत्तर मध्य रेलवे का दूसरा सबसे बड़ा यार्ड है। नई इंटरलॉकिंग से संरक्षायुक्त और निर्बाध ट्रेन संचालन सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। सोमवार को उत्तर पूर्व सर्किल के रेल संरक्षा आयुक्त प्रणजीव सक्सेना ने नवनिर्मित इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग और नव दोहरीकृत प्रयागराज-प्रयागराज रामबाग खंड का निरीक्षण किया। सबसे पहले उन्होंने मंडल रेल प्रबंधक हिमांशु बडोनी और अन्य मंडल अधिकारियों के साथ जोन के निर्माण संगठन और रेल विकास निगम लिमिटेड जैसी कार्यकारी एजेंसियों के अधिकारियों के साथ परियोजना और इसके चालू होने के बारे में चर्चा की। इसके बाद नवनिर्मित इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग का निरीक्षण और निरंजन ब्रिज का स्थलीय निरीक्षण किया।

नई इंटरलॉकिंग की स्थापना बहुत ही महत्वपूर्ण और रणनीतिक रूप से स्थित स्टेशन विकास के इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि है। जिसने 1859 में ट्रेन संचालन के लिए उत्तर भारत के पहले स्टेशन के रूप में राष्ट्र की सेवा में अपनी यात्रा शुरू की थी। तब से यह स्टेशन दिल्ली-हावड़ा और हावड़ा-मुम्बई मार्गों के बीच कड़ी के रूप में काम करता है और यहां से निकलने वाले बहु दिशात्मक यातायात को सुगम बनाता है। वर्तमान रूट रिले इंटरलॉकिंग 1993 से काम कर रही थी और 30 साल से अधिक पुरानी थी। नई इंटरलॉकिंग आगामी और उसके बाद के भविष्य के कुम्भ मेलों तथा आगामी निरंतर बढ़ते यातायात को सुचारु एवं अतिरिक्त परिचालन क्षमता की उपलबधता सुनिश्चित हो सकेगी।

सीपीआरओ ने बताया कि इस कार्य में 20 लाइनें, 206 सिग्नल (58-मुख्य, 95 शंट सिग्नल, 53-कॉलिंग सिग्नल), 172 पॉइंट मशीन शामिल थे। संचालन, स्टैंड बाई और रख-रखाव के उद्देश्य से प्रत्येक के लिए 3-3 सहित कुल 9 विजुअल डिस्प्ले यूनिट प्रदान किए गए। इस कार्य से वाराणसी, लखनऊ, दीनदयाल उपाध्याय और सतना जाने वाली ट्रेनों के लिए विलम्बन समय में कमी आएगी। ट्रेनों की एक साथ आवाजाही सम्भव होगी।

यह नॉन इंटरलॉकिंग कार्य प्रयागराज जंक्शन यार्ड रीमॉडलिंग के पहले चरण का प्रमुख हिस्सा है। जिसके तहत प्रयागराज रामबाग और प्रयागराज के बीच नई अतिरिक्त लाइन का प्रावधान, प्रयागराज-प्रयाग अप और डाउन लाइन के बीच एक नया क्रॉस ओवर डालना, प्रयागराज की लाइन 1 से 8 तक प्रयाग के लिए ट्रेन मूवमेंट, सिविल लाइन की तरफ निरंजन पुल का विस्तार, निरंजन पुल पर डाउन यार्ड से मलाका शंटिंग नेक का बचा हुआ कनेक्शन ताकि सुचारू शंटिंग हो सके और प्रयाग की ट्रेनों को रोकना न पड़े आदि शामिल है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र