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जींद, 21 अक्टूबर (हि.स.)। सीआरएसयू पार्ट टाइम टीचर एसोसिएशन के आह्नान पर प्राध्यापकों ने सोमवार को विश्वविद्यालय में धरना दिया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। धरनारत प्राध्यापकों का कहना था कि एक तो उन्हें बहुत कम सैलरी मिलती है और ऊपर से जो सैलरी मिलती है वो भी टुकड़ों में दी जाती है।
ऐसे में उच्चतर शिक्षा विभाग को इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है ताकि उनका मान-सम्मान बना रहे। सीआरएसयू पार्ट टाइम टीचर एसोसिएशन के प्रधान डा. रामबीर बडाला ने कहा कि विश्वविद्यालय में कुल 180 पार्ट टाइम प्राध्यापक कार्य कर रहे हैं। जिन्हें प्रति लैक्चर के हिसाब से 750 रुपये मिलते हैं जबकि प्रति माह सेलरी केवल 34 हजार रुपये बनती है। कई बार माह में छुट्टियां अधिक होने के कारण वो ज्यादा लैक्चर भी नहीं ले पाते हैं।
ऐसे में उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा वो अकेडमिक सैशन में सात माह ही काम कर पाते हैं जबकि पांच माह उन्हें खाली बैठना पड़़ता है। उनकी मांग है कि यूजीसी के नोरम अनुसार 1500 रुपये प्रति लैक्चर दिया जाएं। उनकी कम से कम सेलरी 50 हजार रुपये हो। बडाला ने कहा कि उनका मेहनताना बहुत कम है जबकि वो रेग्यूलर लैक्चरर से भी ज्यादा काम करते हैं। उच्चतर अधिकारियों को चाहिए कि वो उनकी मांगों की तरफ ध्यान दें ताकि उनका मान-सम्मान बना रहे। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा