मतदान के कम समय को लेकर लगाए गए आरोप तथ्यहीनः मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी
रांची, 21 अक्टूबर (हि.स.)। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने कहा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता सुप्रियो भट्टाचार्य के द्वारा मतदान के समय को लेकर लगाये गये आरोप बेबुनियाद और तथ्यों से परे हैं। उन्होंने कहा कि झारखण्ड विधानसभा 2024 में मात्र
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी  के रवि कुमार


रांची, 21 अक्टूबर (हि.स.)। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने कहा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता सुप्रियो भट्टाचार्य के द्वारा मतदान के समय को लेकर लगाये गये आरोप बेबुनियाद और तथ्यों से परे हैं। उन्होंने कहा कि झारखण्ड विधानसभा 2024 में मात्र तीन प्रतिशत मतदान केंद्रों पर ही शाम चार बजे तक मतदान होगा। झारखंड विधानसभा 2014 में 89 प्रतिशत एवं 2019 में 63 प्रतिशत मतदान केंद्रों पर सुबह सात बजे से शाम तीन बजे तक मतदान हुआ था। वह सोमवार को निर्वाचन सदन, धुर्वा में पत्रकार वार्ता कर रहे थे।

उन्होंने बताया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान के कम समय को लेकर लगाए गए आरोप के सन्दर्भ में तथ्य निम्नानुसार हैं।

-राज्य में कुल 29,562 मतदान केंद्र है, जिसमें से ग्रामीण क्षेत्रों में 24,520 मतदान केंद्र है और शहरी क्षेत्र में 5,042 मतदान केंद्र है |

-981 नक्सल प्रभावित ग्रामीण मतदान केन्द्रों को छोड़कर, 23,539 ग्रामीण क्षेत्रों के मतदान केन्द्रों में एवं सभी शहरी क्षेत्र के मतदान केन्द्रों में मतदान का समय सुबह 7 बजे से सांय पांच बजे तक का है|

-2014 एवं 2019 के विधानसभा चुनावों में 89 प्रतिशत (22,132) एवं 63 प्रतिशत (18,555) मतदान केंद्रों पर मतदान का समय प्रातः सात बजे से सायं तीन बजे तक रखा गया था। इस बार मात्र तीन प्रतिशत (981) मतदान केंद्रों पर प्रातः सात से सायं चार बजे का समय रखा गया है, जो आयोग के विशेष प्रयासों से ही संभव हुआ है।

- मतदान के समय का पर्याप्त प्रचार होता है। मतदान समाप्ति का समय कोई भी हो, उस समय क़तार में खड़े समस्त मतदाता को मतदान करने का पूर्ण अवसर मिलता है।

कानूनी प्रावधान

आयोग को धारा 56 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में मतदान का समय निर्धारित करने का क़ानूनन अधिकार है। यह समय आठ घंटे से कम नहीं हो सकता है। आयोग मतदान का समय निर्धारित करने से पूर्व अपनी राज्य की यात्रा के दौरान राजनीतिक पार्टियों, ज़िला प्रशासन, राज्य प्रशासन से क्षेत्र के सुरक्षा संबंधी ऐतिहासिक और वर्तमान मसलों पर गौर करता है। इस के अतिरिक्त क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति, सड़क नेटवर्क, ऋतु अनुसार सूर्यास्त के समय को भी ध्यान में रखा जाता है। राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा सभी ज़िला प्रशासन से इस संबंध में लिखित अनुशंसा लेकर आयोग को भेजा जाता है।

-नक्सल प्रभावित या नक्सली इतिहास वाले ग्रामों या ग्राम समूहों के लिए यह सुनिश्चित किया जाता है कि पोलिंग पार्टी सूर्यास्त के पूर्व मतदान की कार्यवाही संपन्न कर सुरक्षित लौट आएं। ⁠इन दूरस्थ मतदान केंद्रों पर औसतन मतदाता अन्य शहरी और ग्रामीण मतदान केंद्रों से कम ही रहते हैं।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि प्रथम चरण के विधानसभा चुनाव को लेकर सोमवार को कुल 21 प्रत्याशियों ने नामांकन का पर्चा दाखिल किया है। इसे लेकर अब तक कुल 25 लोग अपनी उम्मीदवारी का पर्चा दाखिल कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर अभी तक छह प्राथमिकी दर्ज कर नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने आम नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि किसी को भी, कहीं से भी आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का कोई मामला मिलता है, तो वह अविलंब निर्वाचन आयोग के एप्प सी विजिल पर उसे अपलोड करें। निर्वाचन आयोग 100 मिनट के भीतर उसपर संज्ञान लेकर कार्रवाई सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से अब तक सात करोड़ 72 लाख रुपये की अवैध सामग्री और नकदी जब्त किये गये हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / शारदा वन्दना