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लंदन, 19 जुलाई (हि.स.)। ब्रिटेन ने रूसी सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ की विदेशी सैन्य खुफिया एजेंसी जीआरयू पर गंभीर आरोप जड़ते हुए प्रतिबंध लगा दिया है। ब्रिटिश अधिकारियों ने शुक्रवार को जीआरयू और उसके 18 एजेंटों पर प्रतिबंध लगाने की पुष्टि की। अधिकारियों ने कहा कि यह प्रतिबंध ब्रिटेन और यूरोप में अराजकता और अव्यवस्था फैलाने की वजह से लगाए गए हैं।
रूस के समाचार पत्र द मॉस्को टाइम्स की खबर के अनुसार, ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैमी ने बयान में कहा, जीआरयू के जासूस यूरोप को अस्थिर करने, यूक्रेन की संप्रभुता को कमजोर करने और ब्रिटिश नागरिकों की सुरक्षा को खतरे में डालने का अभियान चला रहे हैं।
ब्रिटेन के विदेश कार्यालय ने कहा कि प्रतिबंधों का लक्ष्य जीआरयू की तीन इकाइयां और 18 खुफिया अधिकारी हैं। यह सभी कथित तौर पर ब्रिटेन में कई वर्षों से दुर्भावनापूर्ण साइबर गतिविधि का अभियान चला रहे हैं। बयान में कहा गया कि जीआरयू नियमित रूप से यूक्रेन और दुनिया भर में अराजकता, विभाजन और अव्यवस्था फैलाने के लिए साइबर और सूचना अभियानों का इस्तेमाल करता है।
ब्रिटेन ने प्रतिबंध के दायरे में पूर्व रूसी एजेंट सर्गेई स्क्रिपल की बेटी यूलिया स्क्रिपल पर मैलवेयर हमले की कोशिश से जुड़े एजेंट भी शामिल किए हैं। यूलिया और उनके पिता को 2018 में सैलिसबरी में जहर देने की कोशिश की गई थी।
ब्रिटिश अधिकारियों ने कहा कि जीआरयू ने मीडिया संस्थानों, दूरसंचार प्रदाताओं और ऊर्जा अवसंरचना सहित घरेलू संस्थाओं को भी निशाना बनाया। विदेश कार्यालय ने कहा कि प्रतिबंधित सैन्य खुफिया इकाइयों में से एक यूक्रेन के शहर मारियुपोल पर मिसाइल हमलों में शामिल थी।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद