बलात्कार के दो दोषियों को सात-सात वर्ष का कारावास
प्रतीकात्मक


फिरोजाबाद, 9 जून (हि.स.)। न्यायालय ने सोमवार को बलात्कार के दो दोषी वृद्धों को 7 -7 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। उन पर अर्थ दंड भी लगाया है। अर्थ दंड न देने पर दोनों को अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

थाना पचोखरा निवासी एक 15 वर्षीय किशोरी 3 मई 2001 की शाम खेत पर गई थी। उसके बाद वह लौट कर नहीं आई। परिजनों ने उसकी काफी तलाश की। उसका कोई सुराग नहीं लगा। बाद में पता चलने पर किशोरी के पिता ने प्रमोद पुत्र सतीश, राजू व विजय पुत्र महाराज सिंह निवासी कटकी, वीनू पुत्र कुंदन निवासी सुजातगढ़ तथा अचल सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया।

पुलिस ने विवेचना के बाद प्रमोद, राजू, विजय तथा बीनू के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। पुलिस ने अचल की नामजदगी गलत पाई।

मुकदमा अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 5 नित्या पांडेय की अदालत में चला। अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी एडीजीसी फौजदारी भूपेंद्र राठौर ने की।

मुकदमे के दौरान राजू की मौत हो गई। न्यायालय ने किशोरी के बयानों के आधार पर अचल सिंह पुत्र गिर्राज तथा सत्यशील पुत्र राज बहादुर को तलब कर लिया।

प्रमोद, विजय व वीनू की फाइल पृथक की गई।

न्यायालय ने 10 जुलाई 2017 को प्रमोद, विजय सिंह व बीनू को पांच पांच वर्ष तथा प्रमोद व बीनू को दुष्कर्म का दोषी पाए जाने पर 10 - 10 वर्ष की सजा सुनाई।

न्यायालय ने गवाहों तथा साक्ष्य के आधार पर अचल सिंह व सत्यशील हैं को भी किशोरी को अगवा कर दुष्कर्म का दोषी माना। न्यायालय ने उनकी उम्र को देखमर उन्हें सात सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। उन पर 30 - 30 हजार रुपया अर्थ दंड लगाया है। अर्थ दंड की राशि से 30 हजार रुपया पीड़ित को देने के न्यायालय ने आदेश किए है।

हिन्दुस्थान समाचार / कौशल राठौड़