डिजाइन की हुई रामायण पर ड्राइंग व क्राफ्ट की अभ्यास पुस्तिकाएं रामलला को समर्पित
अयोध्या, 25 अप्रैल (हि.स.)। पांच सौ वर्षों के संघर्ष के बाद बने भव्य राम जन्मभूमि मंदिर का प्रभाव सम
डिजाइन की हुई रामायण पर ड्राइंग व क्राफ्ट की अभ्यास पुस्तिकाएं राम लला को समर्पित हुई


डिजाइन की हुई रामायण पर ड्राइंग व क्राफ्ट की अभ्यास पुस्तिकाएं राम लला को समर्पित हुई


डिजाइन की हुई रामायण पर ड्राइंग व क्राफ्ट की अभ्यास पुस्तिकाएं राम लला को समर्पित हुई


डिजाइन की हुई रामायण पर ड्राइंग व क्राफ्ट की अभ्यास पुस्तिकाएं राम लला को समर्पित हुई


डिजाइन की हुई रामायण पर ड्राइंग व क्राफ्ट की अभ्यास पुस्तिकाएं राम लला को समर्पित हुई


डिजाइन की हुई रामायण पर ड्राइंग व क्राफ्ट की अभ्यास पुस्तिकाएं राम लला को समर्पित हुई


डिजाइन की हुई रामायण पर ड्राइंग व क्राफ्ट की अभ्यास पुस्तिकाएं राम लला को समर्पित हुई


डिजाइन की हुई रामायण पर ड्राइंग व क्राफ्ट की अभ्यास पुस्तिकाएं राम लला को समर्पित हुई


डिजाइन की हुई रामायण पर ड्राइंग व क्राफ्ट की अभ्यास पुस्तिकाएं राम लला को समर्पित हुई


डिजाइन की हुई रामायण पर ड्राइंग व क्राफ्ट की अभ्यास पुस्तिकाएं राम लला को समर्पित हुई


अयोध्या, 25 अप्रैल (हि.स.)। पांच सौ वर्षों के संघर्ष के बाद बने भव्य राम जन्मभूमि मंदिर का प्रभाव समाज पर परिलक्षित होने लगा है। इसके कारण हुए बदलाव का ही असर है कि एक नवोन्मेषी ने बच्चों के लिए ऐसी ड्राइंग और क्राफ्ट बुक तैयार की है, जो विद्यालयी शिक्षा प्रारंभ होते ही बच्चों को श्री राम के जीवन चरित्र और उनके आदर्शो से परिचित कराएगी।

साईं प्रसाद बेकनालकर पांच वर्षीय बिराजमान राम लला को अपनी डिजाइन की हुई कलर बुक और क्राफ्ट बुक समर्पित करने कोल्हापुर, महाराष्ट्र से अयोध्या पहुंचे और राम लला का समर्पित किए।

साईं प्रसाद बेकनालकर ने बताया कि रामायण की थीम पर दोनों अभ्यास पुस्तिकाएं तैयार की गई हैं। इसके माध्यम से बच्चा सृजन के साथ ही संस्कृति और संस्कार भी सीखेगा। श्रीराम के जीवन के विविध प्रसंगों के चित्र में रंग भरने के साथ ही चार पंक्तियों में विवरण भी लिखना है जो बच्चे को राम चरित से जोड़ेगा। ऐसे ही क्राफ्ट बुक में कागज मोड़ कर राम मंदिर बनाना सिखाया गया है। साईं प्रसाद कहते हैं कि इस तरह हर घर में अपना बनाया हुआ राम मंदिर होगा।

हिन्दुस्थान समाचार/पवन पाण्डेय

/राजेश