आईआईटी का टेक्नो पार्क विकसित कर रहा अत्याधुनिक तकनीक : प्रो. अभय करंदीकर
कानपुर, 23 अप्रैल (हि.स.)। उद्योग सहित सभी क्षेत्रों में अत्याधुनिक तकनीक इजाद करने के लिए कानपुर आई
आईआईटी का टेक्नो पार्क विकसित कर रहा अत्याधुनिक तकनीक : प्रो. अभय करंदीकर


कानपुर, 23 अप्रैल (हि.स.)। उद्योग सहित सभी क्षेत्रों में अत्याधुनिक तकनीक इजाद करने के लिए कानपुर आईआईटी में रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी पार्क की स्थापना की गई, जिसे आमतौर पर टेक्नोपार्क@आईआईटीके नाम से जाना जाता है। यह पार्क अत्याधुनिक तकनीक विकसित करने में तेजी से आगे बढ़ रहा है और शोध का भी बढ़ावा मिल रहा है। यह बातें मंगलवार को आईआईटी कानपुर के पूर्व निदेशक व भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर अभय करंदीकर ने कही।

आईआईटी कानपुर के रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी पार्क के अत्याधुनिक फेज-1 भवन का उद्घाटन समारोह मंगलवार को हुआ। यह समारोह भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर अभय करंदीकर की उपस्थिति से हुआ। वहीं सम्मानित अतिथि के रुप में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी उपस्थित रहे।

इस मौके पर प्रो.अभय करंदीकर ने कहा कि मेरे कार्यकाल के दौरान इस इमारत की आधारशिला रखी गई थी। अत्याधुनिक तकनीकों को विकसित करने के लिए उद्योग-अकादमिक सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र के रुप में टेक्नोपार्क की कल्पना की गई थी। वहीं अवनीश अवस्थी ने विशेष रुप से फार्मास्युटिकल क्षेत्र में कई आगामी सरकारी पहलों पर चर्चा की, जिसका उद्देश्य एक जीवंत औद्योगिक केंद्र के रुप में आईआईटी कानपुर की भूमिका को बढ़ावा देना है।

टेक्नोपार्क@आईआईटीके के प्रभारी प्रो. अमरेंद्र सिंह ने टेक्नोपार्क@आईआईटीके में औद्योगिक सहयोग के दृष्टिकोण और विभिन्न तरीकों और लॉरस लैब्स, टीवीएम सिग्नलिंग और ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम, जेके सीमेंट और अन्य जैसी अनुसंधान एवं विकास कंपनियों को टेक्नोपार्क@आईआईटीके के लिए आकर्षित करने में आईआईटी कानपुर में महत्वपूर्ण अनुसंधान की भूमिका पर प्रकाश डाला।

उन्होंने डीपीएसयू के सहयोग से टेक्नोपार्क में दो डोमेन, यूएएस और संचार के तहत डिफेन्स टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर (डीटीआईएस) की स्थापना का भी उल्लेख किया।

आईआईटी के केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो.आशुतोष शर्मा ने ऐसे प्रौद्योगिकी केंद्रों की वकालत की जो वैज्ञानिक सफलताओं को व्यावहारिक प्रौद्योगिकियों में बदलने की सुविधा प्रदान करते हैं। सस्टेनेबल एनर्जी इंजीनियरिंग विभाग के प्रो.राजीव जिंदल ने सफल साझेदारी के लिए शैक्षणिक गतिविधियों को उद्योग की समयसीमा के साथ संरेखित करने की आवश्यकता पर चर्चा की।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/राजेश