Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
कानपुर, 19 अप्रैल (हि.स.)। पश्चिमी विक्षोभों की सक्रियता से भले ही अभी दो तीन दिन मौसम बदला रहेगा, लेकिन जल्द भीषण गर्मी का कहर बरपेगा। मौसम विभाग के अनुसार जलवायु परिवर्तन के कारण दुनियाभर में गर्मी की लहरें अधिक आवर्ती, तीव्र और घातक हो रही हैं। वहीं असामान्य तापमान भारत के 90 प्रतिशत से अधिक हिस्से पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने शुक्रवार को बताया कि आईएमडी के पूर्वानुमान में कहा गया है कि पूर्व और उत्तर-पूर्व के कुछ हिस्सों और उत्तर-पश्चिम के कुछ हिस्सों को छोड़कर भारत के ज्यादातर इलाकों में गर्मी ज्यादा ही रहेगी। अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर रहेगा। इससे लोगों में गर्मी से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं। कृषि उत्पादन प्रभावित हो सकता है, पानी की कमी हो सकती है। ऊर्जा की मांग बढ़ सकती है और पारिस्थितिकी तंत्र के साथ वायु गुणवत्ता प्रभावित होगी। यह सब हीट वेव के लक्षण है जो अप्रैल माह के अंतिम दिनों से ऐसी स्थिति आने की संभावना है।
ऐसी स्थिति में होती है हीट वेव
मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि असामान्य रुप से उच्च तापमान की अवधि को हीट वेव कहा जाता है। यदि मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान कम से कम 40 डिग्री सेल्सियस और पहाड़ी क्षेत्रों में कम से कम 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, तो आईएमडी लू यानि हीट वेब्स की घोषणा करता है। जिसमें सामान्य अधिकतम तापमान से लगभग 4.5-6.4 डिग्री सेल्सियस का अंतर होता है। अगर वास्तविक अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस को पार कर जाता है तो आईएमडी लू की घोषणा भी कर सकता है। यदि तापमान 47 डिग्री सेल्सियस को पार कर जाता है तो गंभीर गर्मी की लहर भी घोषित कर सकता है।
हिन्दुस्थान समाचार/अजय/राजेश