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—विज्ञान कार्यशाला में रंगीन मिट्टी का उपयोग कर अपनी रचनात्मकता बढ़ाने के लिए किया प्रोत्साहित
वाराणसी,12 दिसम्बर (हि.स.)। सेंटर फॉर जेनेटिक डिसऑर्डरस,बीएचयू वैज्ञानिक और जैनेटिक्स फॉर यू के की डॉ. चंदना बसु और डॉ. गरिमा जैन ने गुरूवार को कमच्छा स्थित सेंट्रल हिंदू गर्ल्स स्कूल की कक्षा 8-11 की छात्राओं का जमकर उत्साह बढ़ाया। दोनों वैज्ञानिकों ने छात्राओं को विज्ञान क्षेत्र में करियर विकल्पों को बताया। विज्ञान संस्थान की युवा वैज्ञानिक ओलिविया माझी ने विज्ञान में विभिन्न कॅरियर विकल्पों और उनके भविष्य के बारे में जानकारी दी।
ओलिविया ने कहा कि विद्यार्थियों को आने वाले समय की वैज्ञानिक चुनौतियों के बारे में बेहतर तरीके से समझ विकसित होगी। इसके बाद तान्या टिबरेवाल और डॉ अर्चना तिवारी ने पुरातत्व और भौतिकी में अपनी करियर यात्रा पर चर्चा की। इस दौरान, विद्यार्थियों को इन विशेषज्ञों से सवाल पूछने का मौका भी मिला। विज्ञान कार्यशाला में रंगीन मिट्टी का उपयोग करके अपनी रचनात्मकता के माध्यम से पशु या पौधे की कोशिका बनाना विद्यार्थियों के लिए बहुत रोमांचकारी था। इस गतिविधि ने उन्हें कोशिका के प्रत्येक घटक के महत्व को समझने में मदद की । स्कूल के प्राचार्य पंकज गुप्ता ने बताया कि यह एक बहुत ही आकर्षक सत्र था । छात्रों को एक मजेदार और इंटरैक्टिव सत्र के माध्यम से जीव विज्ञान के विभिन्न आयामों जैसे कि कोशिका की आंतरिक संरचना के बारे में जानने को मिला। शिक्षण में इस प्रकार के नवीन दृष्टिकोण आज के समय में बहुत उपयोगी हैं। मैं बीएचयू के वैज्ञानिकों का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने हमारे स्कूल के लिए अपना समय दिया। कार्यक्रम का संयोजन सीएचजीएस की विज्ञान शिक्षिका अंजना और मंजू गौतम ने किया। कार्यक्रम में पीएचडी छात्र देबश्री और विशाल ने भी भागीदारी की। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विज्ञान में करियर विकल्पों पर चर्चा करना और विज्ञान कार्यशाला का आयोजन करना था।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी