राष्ट्रीय मेंटरिंग मिशन देश में शिक्षकों के बीच ज्ञान एवं कौशल की सुलभता को बढ़ावा देगा: प्रो. शशिकला
नई दिल्ली, 30 जनवरी (हि.स.)। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा राष्ट्रीय मेंटरिंग मिशन के श्रेष्
मेंटरिंग


नई दिल्ली, 30 जनवरी (हि.स.)। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा राष्ट्रीय मेंटरिंग मिशन के श्रेष्ठतम प्रथाओं और आवधिक समीक्षा को साझा करने के लिए दो दिवसीय सेमिनार की शुरुआत की गई । इसमें देश के विभिन्न हिस्सों से शिक्षाविद एवं विद्वान विशेषज्ञ सहभागिता कर रहे हैं।

सेमिनार के उद्घाटन सत्र में अतिथियों का स्वागत राष्ट्रीय मेंटरिंग मिशन के संयोजक अभिमन्यु यादव ने किया। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् की सदस्य सचिव केसांग वाई. शेरपा ने इस सत्र को सम्बोधित करते हुए विषय की प्रस्तावना रखी और राष्ट्रीय मेंटरिंग मिशन की प्रगति एवं उपलब्धियों को प्रतिभागियों को साझा किया।

मुख्य अतिथि राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान ( एनआईईपीए) की कुलपति प्रोफेसर शशिकला वंजारी ने सेमिनार के इस सत्र को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् द्वारा कार्यान्वित किये जा रहे राष्ट्रीय मेंटरिंग मिशन के प्रमुख बिंदुओं को रेखांकित किया और कहा कि यह कार्यक्रम पूरे देश में शिक्षकों के बीच ज्ञान एवं कौशल की सुलभता को बढ़ावा देगा। स्मार्ट सिटी का कौशल व ज्ञान सुदूर स्थित गांवों तक पहुंचेगा और ग्रामीण क्षेत्रों में चल रही शिक्षकीय गतिविधियों से बड़े शहर अवगत होंगे।

इस मौके पर अमर ज्योति चैरिटेबल ट्रस्ट की संस्थापक पद्मश्री डॉ. उमा तुली ने दूसरे तकनीकी सत्र में समावेशी शिक्षा और शैक्षिक दक्षता विषय पर प्रतिभागियों से विचार-विमर्श किया। डॉ. तुली ने दिव्यांग बच्चों और युवाओं के समग्र विकास के लिए समावेशी शिक्षा के महत्व पर जोर दिया। प्रधानाचार्यों पर केन्द्रित तीसरे तकनीकी सत्र में कल्पना कपूर ने उन गुणों पर परिचर्चा व संवाद किया जो एक बेहतर मेंटर या गुरु बनने के लिए आवश्यक हैं। शिक्षालोकम की टीम ने मेंटरशिप कार्यक्रम पर केंद्रित संवाद गतिविधि से प्रतिभागियों को इस कार्यक्रम के बारीकियों से अवगत कराया।

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् और अरविंदो सोसाइटी के प्रतिनिधियों ने शिक्षकों के समग्र व कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये। सेमिनार में शिक्षा मंत्रालय की संयुक्त सचिव प्राची पाण्डेय, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् के अध्यक्ष प्रोफेसर योगेश सिंह, एनसीटीई की सदस्य सचिव केसांग वाई. शेरपा, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् (एनसीईआरटी) के निदेशक प्रोफेसर दिनेश सकलानी, केन्द्रीय विद्यालय संगठन की कमिश्नर निधि पाण्डेय और नवोदय विद्यालय संगठन के कमिश्नर विनायक गर्ग की गरिमामयी उपस्थिति रही।

हिन्दुस्थान समाचार/ विजयलक्ष्मी/दधिबल