आचार्य बालकृष्ण ने किया दो अनाम हिमशिखरों का आरोहण
-कैलाश शिखर व नंदी शिखर के रूप में किया नामकरण हरिद्वार, 06 सितम्बर (हि.स.)। उत्तराखंड को यूं ही दे
अनाम हिमशेखरों पर आचार्य बालकृष्ण


अनाम हिमशेखरों पर आचार्य बालकृष्ण


-कैलाश शिखर व नंदी शिखर के रूप में किया नामकरण

हरिद्वार, 06 सितम्बर (हि.स.)। उत्तराखंड को यूं ही देवभूमि नहीं कहते, जब किसी को ॐ कैलाश के दर्शन के साथ में नंदी के भी दर्शन हो जाएं तो वह सहसा कह उठेंगे, असंभव! अद्भुत! अकल्पनीय! कुछ ऐसे ही भाव थे पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण के जब वह अनाम हिम शिखर के आरोहण के लिए श्रीकंठ पर्वत व हर्षिल हॉर्न पीक-2 के मध्य में स्थित हिमशिखर पहुंचे, जिनकी ऊंचाई लगभग 17500 फुट होगी। वहां साक्षात ॐ का दर्शन हो रहा था, साथ ही साक्षात कैलाश का भी दर्शन हो रहा था। इतना ही नहीं उनके अचरज की तब सीमा ही नहीं रही जब उसके सम्मुख नंदी की आकृति का हिमशिखर भी साक्षात विद्यमान दिखाई दिया, जिसकी ऊंचाई लगभग 16500 फुट थी।

नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम्स) के प्रिंसिपल कर्नल भदौरिया व पतंजलि की टीम के साथ आचार्य बालकृष्ण ने यह तय किया कि दो अलग-अलग दल ॐ पर्वत व नंदी पर्वत का आरोहण करेंगे। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि आरोहण हमारे उत्तराखंड की देवभूमि तथा देव संस्कृति को विश्वव्यापी बनाने में एक मील का पत्थर साबित होगा और लोगों की आध्यात्मिक चेतना की जागृति के लिए यह नूतन मार्ग प्रशस्त करेगा।

पर्वतारोहण की टीम में मुख्य रूप से आचार्य जी के साथ डॉक्टर राजेश मिश्र, डॉक्टर भास्कर जोशी, सूरज व लोकेश पंवार थे। वहीं नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम्स) की ओर से कर्नल भदौरिया, सौरव रौतेला, गिरीश रणकोटी, रविंद्र सिंह, गोविंद राम, अनूप पंवार आदि सम्मिलित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत/आकाश