गुवाहाटी, 25 सितंबर (हि.स.)। महिला आरक्षण के मुद्दे पर आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में एक संवाददाता सम्मेलन में एआईसीसी प्रवक्ता महिमा सिंह ने भाजपा के समक्ष पांच प्रश्न रखे। उन्होंने कहा कि भाजपा को जवाब देना होगा कि जनगणना, परिसीमन और आरक्षण के बीच तार्किक संबंध क्या है?
सरकार ने इस देश के लोगों को जनगणना से क्यों वंचित रखा है? सरकार एसईसीसी 2011 के डेटा को सार्वजनिक क्यों नहीं करती, जो देश के पैसे को खर्च करके तैयार किया गया था? क्या नाम बदलने के लिए इस गलत प्रारूप वाले विधेयक को जल्दबाजी में लाने में भाजपा को 9 साल लग गए, क्योंकि बाकी सब कुछ वैसा ही है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस देश की महिलाओं के साथ सबसे क्रूर मजाक क्यों किया है, क्योंकि उन्होंने हमसे अपने प्रतिनिधित्व के राजनीतिक अधिकार का दावा करने के लिए एक बार फिर इंतजार करने को कहा है।
एआईसीसी प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है, जिसने भारत को पहली महिला प्रधान मंत्री, पहली महिला राष्ट्रपति, संयुक्त राष्ट्र में पहली राजदूत, सदन की पहली महिला अध्यक्ष, पहली महिला राज्यपाल आदि दी, वोट देने का अधिकार, उत्तराधिकार में संपत्ति का अधिकार, घरेलू हिंसा के खिलाफ अधिकार सुरक्षित किया। हिंसा, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के खिलाफ अधिकार, महिलाओं को विधान सभा (यूपी) में 40 फीसदी टिकट देने वाली एकमात्र पार्टी के रूप में, समानता और समानता के लिए लड़ाई जारी रखने का हमारा दृढ़ संकल्प दृढ़ है। आधी आबादी के लिए यह लड़ाई जीतें।
उन्होंने कहा कि जहां तक असम का सवाल है, वहां निश्चित रूप से एक महिला है, जिसने करोड़ों असमिया महिलाओं के अधिकारों की कीमत पर अपनी संपत्ति बनाई है। वह एक महिला हैं मुख्यमंत्री की पत्नी रिनकी भुइयां सरमा। बाकियों के लिए यह एक ऐसा राज्य है, जहां महिलाओं के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध होते हैं। मातृ मृत्यु अनुपात देश में सबसे अधिक असम में है।
पत्रकार सम्मेलन के दौरान जहां आईसीसी प्रवक्ता ने भाजपा और उसके केंद्र और राज्य की सरकार पर एक से बढ़कर एक आरोप लगाए। वहीं, कांग्रेस सरकार के दिनों में किए गए उल्लेखनीय कार्यों का व्यौरा प्रस्तुत किया।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश/अरविंद