ज्ञानवापी मस्जिद-विश्वेश्वर मंदिर : केस स्थानांतरित करने पर मसाजिद कमेटी ने दाखिल की आपत्ति
-अर्जी दाखिल कर कहा कि उसकी ओर से मामले की सुनवाई के लिए नहीं की शिकायत प्रयागराज, 18 सितम्बर (हि.स.
इलाहाबाद हाईकोर्ट


-अर्जी दाखिल कर कहा कि उसकी ओर से मामले की सुनवाई के लिए नहीं की शिकायत

प्रयागराज, 18 सितम्बर (हि.स.)। ज्ञानवापी मामले में मुख्य न्यायमूर्ति द्वारा केस स्थानांतरित करने के मामले में दिए गए आदेश पर अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी की ओर से आपत्ति उठाई गई है। अर्जी देकर कहा गया कि केस स्थानांतरण के लिए याचियों की ओर से कोई शिकायत नहीं दी गई है। शिकायत किसने की है, यह जांच का विषय है।

इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई के लिए 25 सितम्बर के बाद तिथि तय करने का आदेश दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर ने सुन्नी वक्फ बोर्ड, अंजुमने इंतजामियां कमेटी की ओर से दाखिल पांच याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया है।

बहस के दौरान इंतजामिया कमेटी के अधिवक्ता एसएफए नकवी ने कहा कि कोर्ट ने अपने 28 अगस्त के आदेश में यह कहा है कि उसे याची अधिवक्ता की ओर से एक शिकायत मिली। उस शिकायत के आधार पर केस पहले से सुनवाई कर रही पीठ से मुख्य न्यायमूर्ति की पीठ स्थानांतरित कर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया गया। इसके बाद सुनवाई की गई। इंतजामियां कमेटी के अधिवक्ता ने कहा कि उनकी ओर से इस मामले में कोई शिकायत नहीं की गई और सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से भी कोई शिकायत नहीं की गई। अब यह शिकायत किस अधिवक्ता द्वारा की गई। इसको बताया जाए, जिससे कि सही बात सामने आ सके। क्योंकि, केस स्थानांतरित करने की मांग याची के अलावा किसी और को करने का अधिकार नहीं है।

हालांकि, मंदिर पक्ष के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि याची पक्ष को मालूम है कि शिकायत किस अधिवक्ता द्वारा की गई। याची की ओर से कहा गया इन पांचों याचिकाओं में सुन्नी वक्फ बोर्ड और अंजुमने इंतजामियां कमेटी याची है। उसकी ओर से शिकायत नहीं की गई तो किसने की। यह बताया जाए। कोर्ट अपने आदेश में इसे हटाए। यह एक तरह का स्कैंडल है। इसकी जांच करनी चाहिए। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सुनवाई की तिथि तय करने का निर्देश दिया।

मामले में न्यायमूर्ति प्रकाश पाड़िया की पीठ सुनवाई कर रही थी। पीठ ने सुनवाई पूरी करने के बाद 28 अगस्त को आदेश देने की तिथि निर्धारित की थी। इस मामले में आए दूसरी पीठ के एक आदेश के अनुसार मुख्य न्यायमूर्ति के सामने एक अधिवक्ता की शिकायत मिली। इसी शिकायत के आधार पर उन्होंने इस केस को खुद सुनवाई करने का फैसला लिया और आदेश पारित कर दिया। अंजुमने इंतजामियां कमेटी ने आदेश पर आपत्ति उठाई है।

हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन/आकाश