डाक ही नहीं, बैंकिंग व आधार सेवाएं भी घर बैठे उपलब्ध करा रहा डाकिया : पोस्टमास्टर जनरल
- चिट्ठी-पत्री बांटने वाला डाकिया हुआ स्मार्ट, हाथ में स्मार्ट फोन व बैग में डिजिटल डिवाइस के साथ नई
वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव


- चिट्ठी-पत्री बांटने वाला डाकिया हुआ स्मार्ट, हाथ में स्मार्ट फोन व बैग में डिजिटल डिवाइस के साथ नई भूमिका

(नेशनल पोस्टल वर्कर्स डे 01 जुलाई )

वाराणसी, 30 जून (हि.स.)। विश्व भर में डाक सेवाओं में आमूल चूल परिवर्तन आये हैं। फिजिकल मेल से डिजिटल मेल के इस दौर में डाक सेवाओं में विविधता के साथ कई नए आयाम जुड़े हैं। डाककर्मी सरकारों और आमजन के बीच सेवाओं को प्रदान करने वाले एक अहम कड़ी के रूप में उभरे हैं। ऐसे में एक जुलाई को पूरी दुनिया में ‘नेशनल पोस्टल वर्कर्स डे’ के दिन डाककर्मियों का आभार व्यक्त करने का प्रचलन उभरा है।

वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने शुक्रवार के यह बताया कि ‘नेशनल पोस्टल वर्कर डे’ की अवधारणा अमेरिका से आई। जहां वाशिंगटन राज्य के सीऐटल शहर में वर्ष 1997 में कर्मचारियों के सम्मान में इस विशेष दिवस की शुरुआत की गई। धीरे-धीरे इसे भारत सहित अन्य देशों में भी मनाया जाने लगा। यह दिन दुनिया भर में डाककर्मियों द्वारा की जाने वाली सेवा के सम्मान में मनाया जाता है।

उन्होंने बताया कि डाककर्मियों की भूमिका में तमाम परिवर्तन आए हैं। ‘डाकिया डाक लाया’ के साथ ‘डाकिया बैंक लाया’ भी अब उतना ही महत्वपूर्ण है। पत्रों व पार्सल के साथ-साथ आधुनिक दौर में लोगों के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण चीजें पोस्टमैन ही घर-घर वितरित करता है। आधार कार्ड, पासपोर्ट, पैन कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, बैंक चेक बुक, एटीएम जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ-साथ विभिन्न मंदिरों के प्रसाद, दवाईयां और रक्षाबंधन पर्व पर राखियां भी डाकियों द्वारा ही पहुंचायी जा रही हैं।

वाराणसी परिक्षेत्र में दो हजार से ज्यादा पोस्टमैन लोगों के दरवाजे पर हर रोज दस्तक लगाते हैं, जिनके द्वारा औसतन प्रति माह 6 लाख स्पीड पोस्ट व पंजीकृत पत्र और 13 लाख साधारण पत्रों का वितरण किया जा रहा है। ई-कामर्स को बढ़ावा देने के लिए कैश ऑन डिलीवरी, लेटर बाक्स से नियमित डाक निकालने के लिए नन्यथा मोबाइल एप एवं डाकियों द्वारा एण्ड्रोयड बेस्ड स्मार्ट फोन आधारित डिलीवरी और वित्तीय सेवाएं प्रदान करना जैसे तमाम कदम डाक विभाग की अभिनव पहल हैं।

पोस्टमास्टर जनरल ने कहा कि डाक विभाग का सबसे मुखर चेहरा डाकिया है। डाकिया की पहचान चिट्ठी-पत्री और मनीऑर्डर बांटने वाली रही है, पर अब डाकिए के हाथ में स्मार्ट फोन और बैग में डिजिटल डिवाइस भी है। इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के माध्यम से आर्थिक और सामाजिक समावेशन के तहत पोस्टमैन चलते-फिरते एटीएम के रूप में नई भूमिका निभा रहे हैं और जन सुरक्षा योजनाओं से लेकर आधार, डीबीटी, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, ई-श्रम कार्ड, वाहन बीमा,डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट तक की सुविधा प्रदान कर रहे हैं। घर-घर जाकर आईपीपीबी के अंतर्गत डाकियों द्वारा घर बैठे पांच वर्ष तक के बच्चों का आधार बनाने, आधार में मोबाइल नंबर अपडेट करने के तहत प्रति माह 20 हजार लोगों का आधार नामांकन, आधुनिकीकरण का कार्य किया जा रहा है। 18 हजार लोगों को आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम के माध्यम से घर बैठे उनके विभिन्न बैंक खातों से नकदी उपलब्ध करायी जा रही है। आज भी डाककर्मी जाड़ा, गर्मी, बरसात की परवाह किये बिना सुदूर क्षेत्रों तक डाक सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/दीपक/मोहित