बीजापुर : संविदा कर्मचारी महासंघ की नियमितिकरण रथयात्रा बीजापुर पहुंची
21 जून को रथयात्रा रायपुर पहुंचेगी जहां से अनिश्चितकालीन आंदोलन की जाएगी घोषणा बीजापुर, 10 जून (हि.
संविदा कर्मचारी


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21 जून को रथयात्रा रायपुर पहुंचेगी जहां से अनिश्चितकालीन आंदोलन की जाएगी घोषणा

बीजापुर, 10 जून (हि.स.)। छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले वर्तमान सरकार के चुनाव पूर्व जन घोषणा पत्र में किए गए नियमितिकरण वादे को पूरा करने को लेकर 16 मई 2023 से 21 जून 2023 तक राज्य के 33 जिले के जिलाधीश को ज्ञापन सौंपने संविदा नियमितिकरण रथयात्रा 10 जून को प्रांतीय पदाधिकारियों के साथ बीजापुर पहुंची। संविदा कर्मचारियों द्वारा बड़े उत्साह के साथ किसी धार्मिक रथ की तर्ज पर पूजा अर्चनाकर फटाकों की लड़ियों के साथ मोटरसाइकिल रैली निकालकर स्वागत किया। लगभग 200 की संख्या में संविदा कर्मचारी सम्मिलित हुए, सभा स्थल पर बीजापुर तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया।

प्रांताध्यक्ष कोशलेश तिवारी ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के साढ़े चार साल बीत जाने के बाद भी इनसे किया हुआ वादा पूरा नहीं किया है, जिससे संविदा कर्मियों में नाराजगी है। रथयात्रा के माध्यम से यह सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाह रहे हैं। रथयात्रा को लेकर प्रदेशभर के संविदा कर्मियों में उत्साह का संचार हुआ है। जिला अध्यक्ष रमाकांत पुनेठा ने कहा कि अन्य राज्यों में कांग्रेस के शीर्ष नेता संविदा कर्मचारियों के साथ संवेदना दिखाते हैं। वहीं साढ़े चार साल बीत जाने के बाद भी छत्तीसगढ़ में अब तक नियमितीकरण नहीं किया जाना दुर्भाग्यजनक है।

प्रांतीय प्रवक्ता सूरज सिंह ठाकुर ने कहा कि 21 जून को रथयात्रा रायपुर पहुंचेगी, जहां से अनिश्चितकालीन आंदोलन की घोषणा की जाएगी। सरकार द्वारा अभी तक कोई संवाद कायम नहीं किया जा रहा है। भविष्य में यह उग्र आंदोलन का कारण बनेगा। प्रांतीय दल के शेख मुनियुदीन ने बताया कि गैर कांग्रेसी राज्यों में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व का संविदा प्रथा के विरोध में एवं उनके आंदोलन का समर्थन करते हैं, किंतु छत्तीसगढ में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद साढ़े चार साल में नियमितिकरण नहीं किया जाना दुर्भाग्य जनक है। इसका पोस्टर बनाकर शहर के प्रमुख स्थानों पर प्रचार-प्रचार किया जाएगा। दंतेवाड़ा सक्रिय सदस्य मुकेश अहिरवार ने बताया कि बहुत से कर्मचारी 15 साल से सेवा दे रहे हैं, किंतु अभी भी नौकरी खो जाने का भय बना रहता है। संविदा में हो न यह ताना हमें भीतर तक आहत करता है। इसलिए इस बार हम उसी की सरकार बनाएंगे जो हमें संविदा के इस दंश से मुक्ति दिलाए।

हिन्दुस्थान समाचार/राकेश पांडे