मोदी सरकार ने पिछले 09 वर्षों में धान के एमएसपी में 873 रुपये की वृद्धि की है : केदार कश्यप
धान समेत सभी अनाजों के समर्थन मूल्य में बढ़त पर भाजपा ने जारी किये आंकड़े जगदलपुर, 10 जून (हि.स.)।
केदार कश्यप


धान समेत सभी अनाजों के समर्थन मूल्य में बढ़त पर भाजपा ने जारी किये आंकड़े

जगदलपुर, 10 जून (हि.स.)। भाजपा प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने शनिवार को बयान जारी कर कहा कि भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी ने धान समेत सभी कृषि उपज के मूल्य में पर्याप्त वृद्धि कर अन्नदाताओं का सम्मान किया है। कश्यप ने कहा कि एनडीए सरकार ने एमएसपी के अंतर्गत किसानों की धान उपज लागत पर मार्जिन डेढ़ गुना बढ़ा दिया है। मोदी सरकार ने पिछले 09 वर्षों में धान का एमएसपी में 873 रुपये की वृद्धि की है। हम इस मूल्य वृद्धि के लिए प्रधानमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का अभिनंदन करते हैं।

धान के समर्थन मूल्य में 143 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि कर इसे अब 2.183 रुपये कर दिया गया है। मोदी सरकार द्वारा की गयी यह वृद्धि मनमोहन सरकार के कार्यकाल के 1310 रुपये की तुलना में करीब 67 प्रतिशत अधिक है। यहीं मूंग दाल के समर्थन मूल्य में 803 रुपये, मूंगफली में 527 रुपये, मोटे अनाज ज्यार में 210, बाजरा में 150, रागी में 268 रुपये, मक्का में 128 रुपये, अरहर दाल में 400 रुपये, उड़द दाल में 350 रुपये, सोयाबीन में 300 रुपये की वृद्धि की गई है। छत्तीसगढ़ के किसानों को धान के बढ़े समर्थन मूल्य का लाभ तो मिलेगा ही, साथ ही मोटे अनाज की कीमतों में भारी वृद्धि कर भी प्रदेश के किसानों के हित में कल्याणकारी कदम उठाया गया है।

मोदी सरकार में देश का कृषि बजट 5 गुना बढ़ कर 1.25 लाख करोड़ हुआ। आज देश में रिकॉर्ड 320 मिलियन टन अनाज उत्पादन हो रहा है। समर्थन मूल्य पर कृषि उत्पाद खरीद का भी रिकॉर्ड देश ने बनाया है। वहीं छत्तीसगढ़ के भूपेश सरकार के झूठे दावों के उलट प्रदेश का दाना-दाना धान केंद्र सरकार ही खरीद रही है। इस मद में पिछले चार वर्षों में 65 हजार करोड़ रुपये से अधिक केंद्र सरकार ने दिया है, वहीं कथित न्याय योजना के नाम पर अनेक किश्तों में केवल 11-12 हजार करोड़ देकर ही भूपेश सरकार ऐसी डींगे हांक रही है, मानो उसी ने सारी खरीद की है।

केदार कश्यप ने कहा कि आपको स्मरण होगा कि तब धान खरीद भ्रष्टाचार का अड्डा हुआ करता था। कांग्रेस की सरकार पानी में भिगो डुबोकर धान को बर्बाद करती थी। ऐसा करने के बावजूद बमुश्किल 5-6 लाख मिट्रिक टन धान खरीद पाती थी। तब की कांग्रेस सरकार, जबकि 2018 तक धान खरीद बढ़ कर करीब 85 लाख मिट्रिक टन तक हो गया था। यह सारी व्यवस्था भाजपा सरकार की देन है। इस सत्र में भी मोदी सरकार ने 61 लाख टन चावल केंद्रीय पूल में खरीदा है, जिसमें 90 लाख मिट्रिक टन से भी अधिक धान का उपयोग हुआ है।

धान खरीद के अलावा खाद पर भी मोदी सरकार 1.08 करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी दे रही है। रूस यूक्रेन युद्ध के कारण रासायनिक खाद की कीमत दो गुना से भी अधिक बढ़ गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में दुगना से अधिक दाम हो जाने के बावजूद भी मोदी ने यह भार देश के किसानों पर पर नहीं पड़ने दिया। तब केवल डीएपी पर सब्सिडी 700 से बढ़ा कर मोदी ने 1200 कर दिया था। सरकार यूरिया के लिए 70 हजार करोड़ तो अन्य उर्वरकों के लिए 38 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी दे रही है।

हिन्दुस्थान समाचार/राकेश पांडे