गुरुग्राम: भारत तिब्बत सहयोग मंच व जल जंगल बिरादरी ने दिलाई जल बचाने की शपथ
-सिलोखरा गांव के पुराने प्रवेश द्वार पर राहगिरों के लिए रखे पानी के मटके गुरुग्राम, 10 जून (हि.स.)।
फोटो नंबर-03: गुरुग्राम में सिलोखरा गांव के पुराने प्रवेश द्वार पर राहगिरों के लिए पानी के मटके रखने के दौरान जल बचत की शपथ लेते लोग।


-सिलोखरा गांव के पुराने प्रवेश द्वार पर राहगिरों के लिए रखे पानी के मटके

गुरुग्राम, 10 जून (हि.स.)। विश्व भू-जल गर्भ दिवस के अवसर पर गर्मी में राहगिरों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था करने को भारत तिब्बत सहयोग मंच व जल जंगल बिरादरी ने संयुक्त रूप से मटके रखने की शुरुआत की। यहां र्पा सेंट्रा एनएच-8 एग्जिट-8 के साथ सिलोखरा गांव के पुराने प्रवेश द्वार पर टीम ने पानी से भरे मटके रखे।

भारत तिब्बत सहयोग मंच के प्रांत प्रमुख अमित गोयल के अलावा भूपेंद्र यादव, हिम्मत राय सैनी, प्रवीन कुमार, विकास यादव, बसंत यादव, कुश कुमार, संजीत झा आदि सिलोखरा गांव के पुराने प्रवेश द्वार पर पहुंचे। यहां से काफी राहगिर गुजरते हैं। ऐसे में उनके लिए पीने की पानी की व्यवस्था करने को यहां काफी मटके पानी से भरकर रखे गए।

भारत तिब्बत सहयोग मंच के प्रांत संयोजक अमित गोयल ने कहा कि गिरते भूगर्भ जल स्तर को रोकने के लिए हम समय रहते नहीं जागे तो आने वाले समय में पानी को लेकर हाहाकार मचेगा। उन्होंने कहा कि हर घर में सबमर्सिबल लगे हैं। लोग घर, गाड़ी और सड़कों की सफाई भी भूगर्भ जल से कर रहे हैं। गुरुग्राम शहर ही नहीं, बल्कि देहात में भी भूगर्भ दोहन लगातार बढ़ रहा है। प्रदेश सरकार ने तालाबों के जीर्णोद्धार की योजना चलाई हुई है। गुरुग्राम जिला में भी कई गांवों में तालाबों की खुदाई की गई है, जिनमें गांव का पानी साफ करके डाला है। अरावली की श्रृंखला में चेक डैम बनाए हैं। वहां बरसात का पानी संचित किया जाएगा। सरकार के ये भी निर्देश हैं कि शहर और देहात में बड़ी इमारतों के निर्माण के साथ रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जहा-जहां ये सिस्टम लगेे हैं, उन्हें बरसात से पहले दुरुस्त रखना चाहिए, ताकि बरसात के पानी से हमारी भूमि रिचार्ज हो सके।

विश्व भू-जल गर्भ दिवस की शुभकामनाएं देते हुए जल कार्यकर्ता भूपेंद्र यादव ने कहा कि जल बचेगा तो जीवन समृद्ध होगा। जल है तो कल सार्थक होगा। इसलिए हमें हर कदम पर जल की बचत करनी होगी। जल हमारे लिए बहुत ही कीमती है। इस दौरान लोगों को भू-जल बचाने की शपथ भी दिलाई गई। सभी को अपने प्रयासों से भूज-जल को बचाकर अपनी अगली पीढिय़ों के हित में काम करने को प्रेरित किया गया। यहां जल जल, जय जगत, जय हिंद का नारा लगाया गया।

हिन्दुस्थान समाचार/ईश्वर/संजीव