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प्रयागराज, 10 जून (हि.स.)। हाल में ही रीलिज “द केरला स्टोरी” की तर्ज पर झलवा का रहने वाला एक किशोर अचानक जनेऊ निकाल देता है। सिर पर टोपी पहनकर घर में ही नमाज पढ़ने लगा। मना किया लेकिन बेटा नहीं माना। मां ने बेटे को समझाया लेकिन वह अपनी जिद पर अड़ा रहा। आखिरकार मां अपने बेटे को लेकर काल्विन अस्पताल के मनोरोग विभाग में पहुंची। जहां डॉक्टरों ने लड़के से पूछताछ कर उसकी पूरी काउंसिलिंग की। जिसमें पता चला कि उसके कुछ मुस्लिम दोस्त उसका धर्म परिवर्तन कराना चाहते हैं।
लड़के ने मनोचिकित्सक को बताया कि मोबाइल में एक गेम के जरिए चकिया में रहने वाले चार लड़कों से उसकी दोस्ती हुई। वह मोबाइल में उन्हीं चारों दोस्तों से बातचीत करने लगा। मां को लगा कि बेटा मानसिक रूप से परेशान है। मां ने समझदारी का परिचय देते हुए उसे मनो चिकित्सक के पास ले गई। जहां पूरी बात सामने आई। लड़के ने बताया कि चारों मुस्लिम दोस्तों के साथ वह मोबाइल पर गेम खेलता है। वह चारों लड़के हिंदू धर्म के खिलाफ उसे ब्रेनवॉश करते थे।
बताया जाता है कि किशोर की मां चित्रकूट जनपद की रहने वाली है। उसके पति ई-रिक्शा चलाते हैं। वह 6 सालों से अपने 5 बच्चों के साथ झलवा में ही रहती है। मां ने बताया कि उसके ई-रिक्शे पर भगवान की फोटो लगी थी, एक दिन उसके बेटे ने उसे निकाल कर मस्जिद की फोटो लगा दिया। जो चारों लड़के हैं वह चकिया के रहने वाले हैं। इस प्रकरण के बाद खुफिया विभाग भी अलर्ट मोड में आ गई। इसके पीछे धर्मांतरण करने वाले गिरोह भी शामिल हो सकते हैं। अंदेशा है कि इसी तरह अभी अन्य लड़के भी हो सकते हैं जिन्हें धर्म परिवर्तन कराने के लिए ब्रेनवॉश किया जा रहा है।
काल्विन के वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ राकेश पासवान ने बताया कि किशोर अभी बहुत सहमा हुआ है। उसे दवाएं दे दी गई है। उसके व्यवहार पर नजर रखा जा रहा है। उसके कुछ दोस्तों ने किसी कार्य के लिए दबाव बनाया है, वह भय के कारण कुछ बता नहीं पा रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/प्रभात