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-बिपोरजॉय चक्रवात के संभावित प्रभाव के विरुद्ध ज़िला अधिकारी ज़ीरो कैज़ुअलिटी के एप्रोच के साथ तैयार
-केन्द्रीय मौसम विभाग द्वारा समय-समय पर दिए जा रहे निर्देशों के अनुसार तटवर्ती ज़िले अग्रिम आयोजन करें
गांधीनगर, 10 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य के समुद्र तटीय ज़िलों के कलेक्टरों के साथ शुक्रवार को गांधीनगर से वीडियो कॉन्फ़्रेंस आयोजित कर आपदा प्रबंधन – डिज़ास्टर मैनेजमेंट की व्यापक समीक्षा की। पटेल ने राज्य में इन तटीय क्षेत्रों में बिपोरजॉय चक्रवात के संभावित प्रभावतों के विरुद्ध ज़ीरो कैज़ुअलिटी के अप्रोच से सभी ज़िलों द्वारा किए गए आयोजन की जानकारी इस बैठक में प्राप्त की।
बैठक में भारतीय मौसम विभाग की क्षेत्रीय निदेशक मनोरमा मोहंती ने कहा कि वर्तमान स्थिति के अनुसार बिपोरजॉय चक्रवात पोरबंदर से दूर स्थित है, परंतु उसके गुजरात तट से टकराने की संभावना नहीं के बराबर है। मुख्यमंत्री ने इसके बावजूद तटवर्ती 13 ज़िलों देवभूमि द्वारका, गीर सोमनाथ, पोरबंदर, अमरेली, जामनगर, सूरत, वलसाड, नवसारी आदि में कलेक्टरों को पर्याप्त सतर्कता रखने के लिए मार्गदर्शन दिया। विशेषकर मछुआरों को समुद्र में जाने का निर्देश देने, फ़ीशिंग एक्टिविटी पूरी तरह बंद रखने का ध्यान रखने और तेज़ हवाएँ चलने की संभावनाओं के चलते रोड पर स्थित बिजली के खभे, पेड़ गिर जाने और बैनर्स या होर्डिंग्स गिर जाने पर यातायात प्रभावित हो, तो तत्काल सुधार कार्यों के लिए टीम तैयार रखने की भी मुख्यमंत्री ने बैठक में समीक्षा की।
बैठक में मुख्य सचिव राज कुमार ने ज़िला प्रशासनिक अधिकारियों से स्पष्ट कहा कि केन्द्रीय मौसम विभाग की ओर से समय-समय पर जारी बुलेटिन तथा निर्देशों का स्थानीय स्थिति के अनुसार पालन होना आवश्यक है। उन्होंने राज्य सरकार की सहायता की ज़रूरत पड़ने पर स्टेट इमर्जेंसी ऑपरेशन सेंटर का तत्काल संपर्क करने के भी निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव के. कैलाशनाथ सहित वरिष्ठ सचिव, एनडीआरएफ़ तथा एसडीआरएफ़ के अधिकारी उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/ बिनोद/बिनोद