नवादा सदर अस्पताल के 42 डाक्टरों में सभी फरार ,मरीज के परिजनों का हंगामा
नवादा ,01 जून (हि.स.)।नवादा सदर अस्पताल में गुरुवार को अजीबोगरीब स्थिति देखने को मिली। जहां पदस्थापि
मामले को शांत कराते हुए एसडीओ तथा वीडियो


मामले को शांत कराते हुए एसडीओ तथा वीडियो


नवादा ,01 जून (हि.स.)।नवादा सदर अस्पताल में गुरुवार को अजीबोगरीब स्थिति देखने को मिली। जहां पदस्थापित 42 चिकित्सकों में से सभी के सभी गायब पाए गए ।

मरीज के परिजनों ने इलाज नहीं होने पर जमकर हंगामा किया। प्रभारी जिलाधिकारी दीपक कुमार मिश्रा के निर्देश पर सदर एसडीओ अखिलेश कुमार तथा सदर वीडियो अंजनी कुमार ने अस्पताल का निरीक्षण किया ।जहां सभी चिकित्सक गायब पाए गए ।

मरीज के परिजनों ने हंगामा कर जिलाधिकारी से शीघ्र कार्रवाई की मांग की ।जांच में गए अधिकारियों ने अस्पताल का उपस्थिति पंजी जप्त कर ले आए हैं ।ताकि सभी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जा सके। अस्पताल में 400 मरीज अपना इलाज कराने को तरस रहे थे ।वहीं एक भी चिकित्सक अस्पताल में उपस्थित नहीं थी ।

सदर अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड, सर्जिकल वार्ड से डॉक्टर ही फरार नजर आए। जिसके बाद सभी मरीजों में खलबली मच गया। इलाज करवाने पहुंचे मरीजों को कोई भी डॉक्टर नहीं दिखे। जिसके कारण लोगों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

परिजनों ने जब अस्पताल में किसी डॉक्टर को नहीं देखा तो उनके द्वारा हंगामा करना शुरू कर दिया गया। जैसे ही इस मामले की जानकारी नवादा के प्रभारी डीएम दीपक कुमार मिश्रा को मिली तो उन्होंने तुरंत मामला की संज्ञान लेते हुए नवादा के सदर एसडीओ अखिलेश कुमार व प्रखंड विकास पदाधिकारी अंजनी कुमार को अस्पताल भेजा।

पूरे मामला का दोनों अधिकारी ने जांच किया तो पता चला कि सदर अस्पताल में 42 डॉक्टर है, लेकिन एक भी डॉक्टर ड्यूटी में उपस्थित नहीं है।जिसके बाद अधिकारी काफी गुस्सा हो गए और सभी रजिस्टर को अपने कब्जे में लेकर फरार रहे डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही गई है।

सदर एसडीओ अखिलेश कुमार ने कहा कि पूरी मामला की जांच की गई। जहां अस्पताल की काफी लचर व्यवस्था देखने को मिला है। सर्जरी की जो व्यवस्था है वह काफी खराब है। पूरी व्यवस्था की जानकारी डीएम को दिया जाएगा और ऐसे व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए एक कठोर कार्रवाई सुनिश्चित किया जाएगा।

सदर एसडीओ को पहुंचने के बाद उपाधीक्षक को सर्जिकल वार्ड में ड्यूटी पर बैठाया गया और धीरे-धीरे करके लोगों की इलाज की गई। लेकिन 400 मरीजों का पुर्जा कट चुका था और एक भी मरीज को इलाज नहीं किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार/डॉ सुमन/गोविन्द