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जगदलपुर, 01 जून(हि.स.)। बस्तर विश्वविद्यालय ने छात्र-छात्राओं के नेशनल एकेडमिक डिपाजटरी एवं एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में पंजीयन करने निर्देश जारी कर दिए हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अन्तर्गत समस्त विश्वविद्यालयों एवं स्वशासी महाविद्यालयों का नेशनल एकेडमिक डिपाजटरी एवं एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट में पंजीयन अनिवार्य किया गया है। डिजी लॉकर में पंजीयन होने पर छात्र-छात्राएं परीक्षा परिणाम एवं अन्य प्रमाण पत्र डीजी लॉकर के माध्यम से प्राप्त कर सकेंगे। विद्यार्थी डिजी लॉकर की अन्य सुविधाओं का भी उपयोग पंजीयन के उपरांत कर सकेंगे। विश्वविद्यालय के द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि सत्र 2022-23 के परीक्षा परिणाम डिजी लॉकर में शीघ्र अपलोड किए जाएं।
बस्तर विश्वविद्यालय ने नेशनल एकेडमिक डिपाजटरी एवं एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में पंजीयन करा लिया है। नेशनल एकेडमिक डिपाजटरी एवं एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट का लाभ लेने के लिए इनके पोर्टल में छात्र - छात्राओं पंजीयन करना आवश्यक है। इसके लिए विश्वविद्यालय द्वारा समस्त संबद्ध महाविद्यालयों को पत्र प्रेषित किया गया है। विश्वविद्यालय पिछले पांच शिक्षा सत्रों के परीक्षा परिणाम को डिजी लॉकर में अपलोड करने की योजना पर कार्य कर रही थी जो अब पूरी होने जा रही है।
एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट एक वर्चुअल स्टोर हाउस है, एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में पंजीयन करने पर एक छात्र के खाते की पहचान करने वाली विशिष्ट आईडी प्राप्त होगी। एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट भविष्य में विद्यार्थियों को अकादमिक / कैरियर विकल्पों के मामले में स्वतंत्रता का एक बड़ा दायरा प्रदान करेगा। एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट बहुसंकायी शिक्षा व्यवस्था के तहत विद्यार्थियों द्वारा अन्य संस्थानों से अर्जित क्रेडिट का ट्रान्सफर करने के लिए आवश्यक है, सभी उच्च शिक्षा संस्थान आईडी देंगे।
हिन्दुस्थान समाचार, राकेश पांडे