Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
उज्जैन, 1 जून (हि.स.)। गर्मी से राहत देनेवाली लिची उत्तर भारत में बड़े चाव से खाई जाती है, लेकिन उज्जैन वालों को यह ज्यादा नहीं भाती...यही कारण है कि फल व्यापारी इसे नहीं मंगवाते हैं।
शहर के करीब 15 फल बेचनेवाले रोजनदार हैं, जो रोजाना सुबह इंदौर की चौइथराम मण्डी जाते हैं तथा 12 से 18 पेटियां लीची की खरीद लाते हैं। यहां दिनभर में इसे बेचकर, अगले दिन फिर से माल लेने इंदौर चले जाते हैं। चर्चा में रोजनदार बहादुरसिंह सोलंकी ने बताया कि इस समय इंदौर में बिहार से लीची आ रही है, चूंकि उज्जैन के बड़े व्यापारी यह माल उज्जैन नहीं मंगवा रहे हैं, इसलिए हम करीब 15 लोग मिलकर 12 से 18 पेटी लीची रोजाना खरीद लाते हैं। इसकी उम्र पेटी खुलने के बाद 5 या 6 दिन रहती है। इसलिए हम थोड़ा माल लाते हैं। एक पेटी में 14 किग्रा माल रहता है। भाव इस समय 220 रू.प्रति किग्रा है। उठाव केवल उच्च परिवारों एवं उच्च मध्यमवर्गीय परिवारों में ही है। आम आदमी पूछताछ भी नहीं करता है।
हिन्दुस्थान समाचार/ ललित