नाबालिग की पहचान उजागर मामले में डीसीडब्ल्यू ने पुलिस को जारी किया समन
नई दिल्ली, 31 मई (हि.स.)। दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने नाबालिग पीड़ित
बृजभूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली नाबालिग की पहचान उजागर के मामले में डीसीडब्ल्यू ने पुलिस को जारी किया समन


नई दिल्ली, 31 मई (हि.स.)। दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने नाबालिग पीड़िता की पहचान उजागर करने के मामले में डीसीपी नई दिल्ली को समन जारी कर कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है। डीसीडब्ल्यू ने डीसीपी नई दिल्ली को मामले में की गई कार्रवाई रिपोर्ट के साथ 2 जून को आयोग के समक्ष उपस्थित होने के लिए कहा है।

डीसीडब्ल्यू के अनुसार एक नाबालिग लड़की सहित कुछ महिला पहलवानों ने आरोप लगाया है कि भारतीय कुश्ती महासंघ के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने उनका यौन उत्पीड़न किया है। इस संबंध में पुलिस थाना कनॉट प्लेस में पॉक्सो एक्ट के तहत एक एफआईआर समेत दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं। हालांकि इस मामले में अभी तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।

अब सोशल मीडिया पर एक वीडियो प्रसारित हो रहा है जिसमें नाबालिग पीड़िता के चाचा होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने पीड़िता की पहचान उजागर की है जो पोस्को अधिनियम के तहत एक आपराधिक कृत्य है। डीसीडब्ल्यू की अध्यक्ष ने यह चिह्नित किया है कि इस मामले में आरोपित बृज भूषण सिंह अत्यधिक प्रभावशाली है और उसे आज तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। न्यायालय ने मामले की संवेदनशीलता और पीड़िताओं, विशेष रूप से नाबालिग पीड़िता को सीधे खतरे को देखते हुए पुलिस को उन्हें सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया था।

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, “यह बहुत ही चौंकाने वाली बात है कि पीड़िता जो लगातार खतरे में है और सर्वोच्च न्यायालय ने उसे सुरक्षा प्रदान की है, उसकी पहचान एक व्यक्ति द्वारा उजागर की जा रही है और दिल्ली पुलिस इस बारे में कुछ नहीं कर रही है। पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामले में पीड़िता की पहचान उजागर करना भी एक दंडनीय अपराध है। नाबालिग पीड़िता की पहचान प्रकट करने के कृत्य को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। दिल्ली पुलिस को आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करनी चाहिए और उसे गिरफ्तार करना चाहिए। इसके अलावा, दिल्ली पुलिस को इस मामले में मुख्य आरोपी बृजभूषण सिंह को गिरफ्तार करना चाहिए और नाबालिग उत्तरजीवी की पहचान उजागर करने में उसकी भूमिका की जांच करनी चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार/अश्वनी/सुशील