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लखनऊ, 26 मई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश राज्य की पैरवी के लिए उच्च न्यायालय इलाहाबाद और लखनऊ खण्डपीठ से जुड़े सरकारी अधिवक्ताओं की सूची शुक्रवार की सुबह जारी कर दी गई है। इसमें ऊपर के पद पर कुछ खास परिवर्तन नहीं किया गया, जबकि ब्रीफ होल्डर, स्टैंडिंग काउन्सिल के पदों पर कई नए नाम सूचीबद्ध किये गए हैं।
सरकारी अधिवक्ताओं की जारी सूची में इलाहाबाद उच्च न्यायालय से अशोक मेहता, मनीष गोयल, नीरज त्रिपाठी, महेश चंद चतुर्वेदी, पीके गिरी, अजीत सिंह, शिव कुमार पाल, पीके श्रीवास्तव को अपर महाधिवक्ता बनाया गया। लखनऊ खण्डपीठ से जुड़े अपर महाधिवक्ताओं में विनोद शाही, कुलदीप पति त्रिपाठी, अशोक शुक्ला, अनिल प्रताप सिंह, विमल श्रीवास्तव के नाम शामिल हैं।
इसी तरह सूची में न्यायिक कार्य से जुड़े विभिन्न पदों में इलाहाबाद उच्च न्यायालय से नौ अधिवक्ताओं को सीएससी, 120 एसीएससी, 187 ब्रीफ होल्डर सिविल, 175 ब्रीफ होल्डर क्रिमिनल, 330 स्टैंडिंग काउंसलिंग बनाए गए हैं। लखनऊ खण्डपीठ से सात सीएससी, 74 एसीएससी, 208 ब्रीफ होल्डर सिविल, 184 ब्रीफ होल्डर क्रिमिनल, 89 स्टैंडिंग कौंसिल बनाए गए हैं।
सरकारी अधिवक्ताओं की सूची आने के बाद अपना नाम ना होने पर कुछ पुराने अधिवक्ताओं के चेहरों पर मायूसी छा गयी है। दो बार से जिनके नाम सूची में रहा करते थे, इस बार की सूची में वे नाम नदारद दिख रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/शरद/मोहित