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बेगूसराय, 26 मई (हि.स.)। जिला प्रशासन, बाल विकास परियोजना, स्वास्थ्य विभाग, ग्राम पंचायत, स्वयं सहायता समूह, आध्यात्म गुरु के सामूहिक सहयोग से बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण एवं देखभाल के अलावा सामाजिक वातावरण की गुणवत्ता में सुधार के लिए खुशहाल बचपन अभियान की शुरुआत आज की गई।
खुशहाल बचपन अभियान का शुभारंभ सदर अस्पताल के सभागार में एक दिवसीय प्रशिक्षण से किया गया। शुभारंभ स्वास्थ्य विभाग के डीआईओ डॉ. गोपाल मिश्रा, डीपीएम नईम हुसैन, आईसीडीएस के संबंधित सीडीपीओ, पोषण अभियान के जिला समन्वयक सागर कुमार, पिरामल फाउंडेशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक गोपाल कृष्ण चौधरी एवं कार्यक्रम लीड दीपक मिश्रा आदि ने संयुक्त रूप से किया।
पिरामल के गोपाल कृष्ण ने कहा कि बच्चे देश के भविष्य होते हैं। बच्चों के शुरुआती दौर के छह वर्षों को सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है। क्योंकि इन वर्षों में विकास की दर विकास के किसी भी अन्य चरणों की तुलना में अधिक तीव्र होती है। ऐसा देखा गया है कि अधिकतम छह वर्ष तक के बच्चों के मस्तिष्क का विकास कम से कम 90 प्रतिशत तक हो गया रहता है। इन प्रारंभिक वर्षों में बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण, देखभाल की गुणवत्ता के साथ ही सामाजिक वातावरण की गुणवत्ता में आंगनबाड़ी सेवाएं काफी महत्वपूर्ण भूमिका में रहती है।
पिरामल के दीपक मिश्रा ने कहा कि खुशहाल बचपन अभियान समेकित बाल विकास परियोजना एवं पिरामल फाउंडेशन की ओर से एक साझा और सार्थक पहल है। जो प्रारंभिक बचपन की देखभाल और शिक्षा के सिद्धांतों पर आधारित है। इसमें सुरक्षात्मक, सक्षम एवं स्वच्छ वातावरण में सुरक्षित देखभाल, स्वास्थ्य, पोषण, खेल और प्रारंभिक शिक्षा के तत्वों को गुणात्मक सुधार के लिए शामिल किया गया है। आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले बच्चों के समग्र विकास के लिए एक मजबूत नींव तैयार करना है।
बच्चों को पूरी क्षमता तक पहुंचने में सक्षम बनाने के लिए एक उत्तरदायी पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है। कोविड-19 के बाद आंगनबाड़ी केंद्रों में सुधार लाने के उद्देश्य से जिले के चार प्रखंडों के एक सौ आंगनबाड़ी केंद्रों बरौनी के 25, तेघड़ा के 25, मंसूरचक के 25 एवं भगवानपुर के 25 आंगनबाड़ी केंद्रों का चयन किया गया है। इस अवसर पर गांधी फेलो सहित सीडीपीओ एवं महिला पर्यवेक्षिका उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/चंदा