हमारी सामूहिक विरासत कला, संस्कृति और परंपरा का प्रशंसा करना एप्रोच का मूल मिशन: प्रो. समीर खांडेकर
कानपुर (कान्हापुर), 26 अप्रैल (हि.स.)। हमारी सामूहिक विरासत, कला, संस्कृति और परंपरा के लिए सम्मान औ
-आईआईटी कानपुर शामिल होने वाले प्रत्येक प्रतिभागी को देगा प्रमाण पत्र


कानपुर (कान्हापुर), 26 अप्रैल (हि.स.)। हमारी सामूहिक विरासत, कला, संस्कृति और परंपरा के लिए सम्मान और प्रशंसा पैदा करना “एप्रोच” के मिशन के मूल में है। यह बात भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर में गठित हुए सेल फॉर एप्रिसिएशन एंड प्रमोशन ऑफ आर्ट कल्चर एंड हेरिटेज के संबंध में छात्र—छात्राओं को जानकारी देते हुए बुधवार को सेल के समन्वयक प्रोफेसर समीर खांडेकर ने कही।

उन्होंने कहा कि संगीत, कला और विरासत में विविध समूह गतिविधियों के माध्यम से, हमारा उद्देश्य प्रतिभागियों को एक्सपोजर और जुड़ाव प्रदान करना है, जिससे हम रचनात्मकता, कला और शैक्षणिक उपलब्धियों के बीच तालमेल के मजबूत होने की आशा करते हैं। आईआईटी कानपुर ने कला, संस्कृति और परंपरा को बढ़ावा देने के लिए एप्रोच (सेल फॉर एप्रिसिएशन एंड प्रमोशन ऑफ आर्ट कल्चर एंड हेरिटेज) नाम से एक नया सेल, छात्र मामलों के डीन कार्यालय में स्थापित किया गया है। सेल ने उन सभी के लिए एसोसिएट सदस्यता शुरू की है जो इस प्रयास का हिस्सा बनने के इच्छुक हैं। सेल का उद्देश्य उन गतिविधियों को शुरू करना है जो छात्रों के साथ-साथ कैंपस समुदाय के समग्र विकास को बढ़ावा देते हैं।

कैसे संचालित होगा नए सेल

सेल की समिति में आई आई टी (IIT) कानपुर के संकाय कर्मचारी, छात्र और परिसर समुदाय के प्रतिनिधि शामिल हैं, जो कि प्रकोष्ठ की गतिविधियों का विचार, संचालन और प्रबंधन करेगें । कई कार्यक्रमों की योजना बनाई जा रही है, जो आने वाले सेमेस्टर के साथ-साथ गर्मियों और सर्दियों की छुट्टियों में शुरू किए जाएंगे।

कौन—कौन से सेल में होगी योजनाएं

उन्होंने बताया कि जिन कार्यक्रमों की योजना बनाई जा रही है, उनमें संगीत बैठकें,लेक-डेम्स, आर्ट एप्रिसिएशन वर्क्शाप, छात्रों के लिए कानपुर शहर और आसपास के क्षेत्रों की विरासत यात्राएं, कला प्रदर्शनियां,संगीत,कला पाठ, स्थानीय कारीगरों द्वारा प्रदर्शन,कार्यशालाएं और अनौपचारिक और औपचारिक कला और संस्कृति प्रशंसा सत्र एवं वार्ता, आदि शामिल हैं।

आईआईटी कानपुर में एप्रोच सेल

आईआईटी कानपुर के मीडिया प्रभारी गिरीश पन्त ने बताया कि एक ऐसे देश के लिए जो सफलता के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में बहुमुखी रचनात्मकता को महत्व देता है, आईआईटी कानपुर में एप्रोच सेल रचनात्मक प्रतिभाओं को पोषित करने और उनके प्रचार और विकास के लिए सही माहौल प्रदान करने में निवेशित है।

मामूली शुल्क के साथ बाहरी लोग बन सकते है प्रतिभागी

मीडिया प्रभारी ने बताया कि सेल ने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की मूल बातों से परिचित कराने के उद्देश्य से आर्ट एप्रिसिएशन- हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत पर एक परिचयात्मक सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया है। संगीत सीखने का उत्साह रखने वाला कोई भी व्यक्ति 15 मई से 14 जुलाई, 2023 तक चलने वाले इस दो महीने के पाठ्यक्रम में शामिल हो सकते हैं । डॉ. देवानंद पाठक इस कोर्स की अगुवाई करेंगे और इस कोर्स में आईआईटीके निवासियों के साथ-साथ बाहरी प्रतिभागी मामूली शुल्क देकर आवेदन के सकते हैं।

प्रशिक्षण के बाद मिलेगा प्रमाण पत्र

पाठ्यक्रम हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की बारीकियों की व्यापक समझ प्रदान करेगा और शिक्षार्थियों को अगले चरण के लिए तैयार करेगा। सभी प्रतिभागियों को सेंटर फॉर कंटीन्यूइंग एजुकेशन (CCE), आई आई टी (IIT) कानपुर द्वारा कोर्स पूरा होने पर प्रमाण पत्र दिया जाएगा।

पाठ्यक्रम के बारे में अधिक जानकारी के लिए https://www.iitk.ac.in/cce/courses/23-24/art-appreciation/

एप्रोच की आधिकारिक वेबसाइट: https://www.iitk.ac.in/approach/ से आनलाइन भी आवेदन किया जा सकता है।

हिन्दुस्थान समाचार/राम बहादुर