आईआईटी कानपुर में 26 अप्रैल से शुरू होगा साइबर मुद्दों की तकनीकी प्रशिक्षण
कानपुर (कान्हापुर), 24अप्रैल(हि.स.)। छात्रों को साइबरस्पेस और साइबर मुद्दों की तकनीकी बुनियादी बातों
आईआईटी कानपुर में 26 अप्रैल से शुरू होगा साइबर मुद्दों की तकनीकी प्रशिक्षण


कानपुर (कान्हापुर), 24अप्रैल(हि.स.)। छात्रों को साइबरस्पेस और साइबर मुद्दों की तकनीकी बुनियादी बातों का गहराई से ज्ञान देने के लिए कानपुर आईआईटी 26 अप्रैल को साइवर सुरक्षा कौशल कार्यक्रम की शुरूआत करेगा। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम भारत सरकार के एनएम-आईसीपीएस मिशन के तहत भारविज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग तथा इनक्यूबेड स्टार्टअप्स थ्रेट गार्डियंस प्राइवेट लिमिटेड और वर्कर्स यूनियन सपोर्ट के साथ कार्यान्वयन भागीदारों के रूप में समर्थित है। यह जानकारी सोमवार को मीडिया प्रभारी गिरीश पन्त ने दी।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला लॉन्च समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। कार्यक्रम में छात्रों को वर्तमान समय में साइबर सुरक्षा तकनीकों और विधियों को पेश करना और सुरक्षा लागू करने के लिए मॉडल, उपकरण और तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करना है।

छात्र, विजय सांपला की मौजूदगी में साइबर सुरक्षा कौशल, पेशेवरों और उत्साही लोगों के लिए एक व्यापक सीखने का अनुभव का मार्ग प्रशस्त करेगा। कार्यक्रम में आईआईटी कानपुर के परियोजना निदेशक प्रो. मनिंद्र अग्रवाल भी मौजूद रहेंगे। यह प्रशिक्षण व्यापक रूप से साइबर सुरक्षा के महत्वपूर्ण पहलुओं को कवर करने की कोशिश की है और उम्मीद है कि यह एक मजबूत कार्यबल तैयार करने में सहयोग करेगा।

अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार नि:शुल्क होंगे प्रशिक्षित

उन्होंने बताया कि साइबर सुरक्षा कौशल कार्यक्रम के तहत अनुसूचित जाति एव अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार मुफ्त में कार्यक्रम का लाभ उठा सकेंगे। यह कार्यक्रम गहरी शैक्षणिक दृढ़ता और गहन व्यावहारिक दृष्टिकोण के संयोजन के साथ तैयार किया गया है, जो प्रतिभागियों को आवश्यक कौशल में महारत हासिल करने और विश्व स्तर की विशेषज्ञता का निर्माण करने की सक्षम बनाएगा ।

महत्वपूर्ण तत्वों की करता है पड़ताल

उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम प्रौद्योगिकी से परे सबसे महत्वपूर्ण तत्वों की पड़ताल करता है, जिसके अंतर्गत साइबर सुरक्षा की समस्याएं उभरती हैं और प्रबंधित की जाती हैं। पाठ्यक्रम में सिस्टम सुरक्षा, मैलवेयर विश्लेषण, नेटवर्क सुरक्षा, क्रिप्टोग्राफी और आईओटी सुरक्षा शामिल है। यह पूरी तरह से ऑनलाइन प्रोग्राम है जो छात्रों को मौलिक ज्ञान और व्यावहारिक अनुभव दोनों प्रदान करता है। प्रशिक्षण का एक अभिन्न अंग साइबर रेंज के माध्यम से प्रत्येक छात्र के डेस्क पर अनुकूलित प्रयोगशालाएं प्रदान करना हैं।

आठ सप्ताह चलेगा प्रशिक्षण, दिया जाएगा प्रमाणपत्र

साइबर सिक्योरिटी स्किलिंग प्रोग्राम का ऑनलाइन मोड इसे देश में कहीं से भी शिक्षार्थियों को पूरा करने के लिए सुलभ बना देगा। कार्यक्रम की अवधि 8 सप्ताह (प्रति सप्ताह 6 घंटे) है और इसमें लाइव सत्र, ऑनलाइन असाइनमेंट और व्यावहारिक अभ्यास शामिल होंगे। कार्यक्रम के पूरा होने पर, शिक्षार्थियों को C3iHub से प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार/राम बहादुर/राजेश तिवारी