साहित्य और चिट्ठियों दोनों का ही संवेदनाओं से अटूट रिश्ताः पोस्टमास्टर जनरल
-’उपनिधि’ पत्रिका के डाक विभाग की साहित्यिक विभूतियां विशेषांक लोकार्पण वाराणसी, 02 अप्रैल (हि.स.)।
उपनिधि’ पत्रिका के डाक विभाग की साहित्यिक विभूतियां विशेषांक का लोकार्पण


-’उपनिधि’ पत्रिका के डाक विभाग की साहित्यिक विभूतियां विशेषांक लोकार्पण

वाराणसी, 02 अप्रैल (हि.स.)। पूर्व चीफ पोस्टमास्टर जनरल कौशलेन्द्र कुमार सिन्हा ने कहा कि डाक विभाग का जनसरोकारों से अटूट नाता है। विभाग के तमाम अधिकारी कर्मचारी साहित्य सृजन के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं। पूर्व चीफ पोस्टमास्टर जनरल ’उपनिधि’ पत्रिका के डाक विभाग की साहित्यिक विभूतियां विशेषांक एवं गौरीशंकर वैश्य ’विनम्र’ की बाल पुस्तक फुर्र-फुर्र के लोकार्पण समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।

ज्ञान गरिमा सेवा न्यास के तत्वावधान में लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के निराला सभागार में अतिथियों के साथ पत्रिका व पुस्तक का लोकार्पण कर कौशलेन्द्र कुमार सिन्हा ने कहा कि डाक कर्मियों के साहित्य का राष्ट्रीय स्तर पर भी एक संकलन लाए जाने की आवश्यकता है।

समारोह में वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने बतौर मुख्य वक्ता कहा कि साहित्य और सृजन के क्षेत्र में डाक विभाग की विभूतियों का योगदान अहम् है। साहित्य और चिट्ठियों दोनों का ही संवेदनाओं से अटूट रिश्ता है। यही कारण है कि साहित्य, कला, संस्कृति की तमाम मशहूर शख्सियतें डाक विभाग की गोद में अपनी काया का विस्तार पाने में सफल रहीं। उन्होंने कहा कि आज़ादी के अमृत काल में डाक टिकटों के माध्यम से साहित्यिक विभूतियों और सांस्कृतिक विरासत से युवा पीढ़ी को जोड़ने में डाक विभाग की अहम भूमिका है। देश की संचार व्यवस्था के साथ सामाजिक व्यवस्था, अर्थव्यवस्था, साहित्य, कला और संस्कृति के प्रसार और स्वाधीनता आंदोलन में भी डाक विभाग की अहम भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि साहित्य और प्रशासन दोनों ही पत्रों के बिना अधूरे हैं। इन पत्रों में छुपा मर्म कई बार नई राह दिखाता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए निदेशक समाज कल्याण पवन कुमार ने कहा कि डाक सेवाएं आम जन से जुड़ी हुई हैं। पत्रों के माध्यम से न सिर्फ संवाद होता है बल्कि लोगों की कई समस्याओं का निस्तारण भी होता है।

न्यास अध्यक्ष सुबोध कुमार दुबे ने बताया कि ’उपनिधि पत्रिका’ ने अपने 24 वर्षों के सफर में तमाम महत्वपूर्ण विषयों पर अंक प्रकाशित किये। उत्तर प्रदेश डाक परिमंडल की साहित्यिक विभूतियां विशेषांक में स्मरण खंड के तहत कृष्ण बिहारी नूर, पद्मश्री शम्सुर्रहमान फारूकी, डॉ रामाश्रय, सविता, राम देव लाल विभोर, प्रेरणा खंड में सेवानिवृत्त हो चुके दयानंद जड़िया, राम किशोर तिवारी, ज्योति शेखर, गौरीशंकर वैश्य, विनम्र और संभावना खंड के तहत वर्तमान में सेवारत पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव, अखंड प्रताप सिंह आदि के साहित्यिक कृतित्व को सहेजा गया है। कार्यक्रम में संयुक्त आयुक्त जीएसटी पंकज के सिंह ने भी विचार रखा। समारोह में कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर