सीएसआईआर-एनपीएल के कार्यों और भूमिका को समझने का मौका है 'वन वीक वन लैब' योजना
नई दिल्ली, 14 अप्रैल (हि.स.)। वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर)- राष्ट्रीय भौतिक प्रय
प्रोफेसर वेणुगोपाल आचंटा


नई दिल्ली, 14 अप्रैल (हि.स.)। वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर)- राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (एनपीएल) के निदेशक प्रोफेसर वेणुगोपाल आचंटा ने कहा कि सीएसआईआर-एनपीएल के कार्यों उनकी भूमिका को समझने का अच्छा मौका है 'वन वीक वन लैब' कार्यक्रम। यह 17 से 21 अप्रैल तक आयोजित किया जाएगा।

आचंटा ने शुक्रवार को एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने हाल ही में वन वीक, वन लैब नामक एक अनूठे अभियान की घोषणा की थी। जिसमें वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की सभी प्रयोगशालाएं न केवल अपनी प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन करने के लिए आमजन तक पहुंचेंगी बल्कि डीप टेक वेंचर्स के माध्यम से अवसरों की तलाश करने के लिए युवा इनोवेटर्स, छात्रों, स्टार्ट-अप्स, शिक्षाविदों और उद्योग जगत को प्रेरित करेगी।

उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य संभावित हितधारकों के बीच एनपीएल में उपलब्ध प्रौद्योगिकी और सेवाओं के बारे में जागरूकता पैदा करना है। यह कार्यक्रम सामाजिक समस्याओं के समाधान, सटीक माप के महत्व के बारे में जनता को जागरूक करने और जनता के बीच वैज्ञानिक स्वभाव विकसित करने के नेक उद्देश्य की पूर्ति के लिए शुरु किया गया है।

प्रोफेसर आचंटा ने कहा सीएसआईआर-एनपीएल के वन वीक, वन लैब कार्यक्रम में कई अलग-अलग गतिविधियां शामिल हैं। अभियान का उद्घाटन 17 अप्रैल को मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा डॉ. एन. कलैसेल्वी, महानिदेशक - सीएसआईआर, की उपस्थिति में किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि सीएसआईआर - एनपीएल भारतीय मानक समय (आईएसटी) का संरक्षक है, जो सीज़ियम परमाणु घड़ियों और हाइड्रोजन मेसर से युक्त परमाणु टाइमस्केल का उपयोग करके उत्पन्न होता है। सीएसआईआर ने ही मतदाताओं को चिहिन्त करने के लिए चुनावों के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली ‘चुनाव स्याही’ या ‘अमिट स्याही’ 1952 में विकसित की थी और इसे भारतीय लोकतंत्र में सबसे महत्वपूर्ण योगदानों में से एक माना जाता है । सीएसआईआर-एनपीएल ने कचड़े को रिसायकल कर बहुरंगी टाइलें बनाने की तकनीक विकसित की है ।

हिन्दुस्थान समाचार/आशुतोष