Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
नई दिल्ली, 07 मार्च (हि.स.)। दिल्ली सरकार के जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने घटते जलस्तर को लेकर मंगलवार को यमुना का दौरा किया। उन्होंने बताया कि दिल्ली के सिंघु बॉर्डर से महज पांच से 10 किलोमीटर के दायरे में यमुना नदी से लगातार हरियाणा इलाके में रेत की तस्करी हो रही है। खनन माफिया पूरी तरह से सक्रिय है और लगातार यमुना से रेत का खनन कर इसका स्टॉक कर रहे हैं। खनन माफिया ने इसके लिए जगह-जगह बांध बनाकर पानी को रोका हुआ है, जिससे दिल्लीवासियों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है।
भारद्वाज ने बताया कि सरकार लगातार हरियाणा सरकार के संपर्क में है और उनसे बात कर रही है, ताकि यमुना के घटते जल संकट को कम किया जाए। वहीं हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से भी यमुना में पर्याप्त रूप से पानी नहीं छोड़ा जा रहा है। साथ ही पानीपत के औद्योगिक क्षेत्र से डीडी2 और डीडी8 नाले का पानी आ रहा है, जिसमें फैक्टरियों से निकलने वाला केमिकल यमुना को प्रभावित कर रहा है। केमिकल युक्त पानी से यमुना में लगातार अमोनिया की मात्रा बढ़ रही है। यमुना में 8 से कम अमोनिया होता है तो उसके पानी को प्रयोग में लिया जा सकता है, लेकिन अब इसकी मात्रा आठ बढ़कर 3.1 हो गई है, जिस कारण इसे प्रयोग में नहीं लाया जा सकता है।
दिल्ली में जल पूर्ति के लिए हैदरपुर प्लांट से पानी वजीराबाद प्लांट में जाया जा रहा है। उसके बावजूद दिल्ली में जल संकट का दौर कम करना नामुमकिन है। जानकारी के अनुसार दिल्ली के 70 प्रतिशत इलाकों में पानी की समस्या से लोगों को सामना करना पड़ सकता है। खासतौर से राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय, मुख्यमंत्री आवास सहित दिल्ली के बड़े क्षेत्र पर जल संकट आने वाला है।
भारद्वाज ने आगे बताया कि दिल्ली जल बोर्ड और फ्लड विभाग के अधिकारी हरियाणा स्थित यमुना क्षेत्र में गए, जहां पर देखा गया कि बड़े पैमाने पर नदी में बांध बनाकर रेत का खनन हो रहा है। साथ ही कई जगह बड़े-बड़े स्ट्रेच लगाकर पानी को रोका गया है। इसकी फोटो गूगल से भी ली गई है।
उल्लेखनीय है कि यमुना का जलस्तर 671.7 है, जबकि 674 से ऊपर यमुना का जलस्तर होना चाहिए। यदि हरियाणा सरकार की ओर से हथिनी कुंड बैराज के द्वारा यमुना में पानी नहीं छोड़ा गया तो दिल्ली वासियों को होली जैसे त्योहारों पर भी जल संकट का सामना करना पड़ेगा।
हिन्दुस्थान समाचार/अश्वनी