पालघर को बाल विवाह से मुक्ति दिलाने के लिए ग्रामीणों ने ली शपथ
मुंबई,26 मार्च (हि.स.)।पालघर के आदिवासी इलाकों में बाल विवाह एक बहुत बड़ी समस्या है। बाल विवाह की वज
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मुंबई,26 मार्च (हि.स.)।पालघर के आदिवासी इलाकों में बाल विवाह एक बहुत बड़ी समस्या है। बाल विवाह की वजह से महिलाओं में अक्सर कम उम्र में गर्भधारण, समय से पहले प्रसव और अन्य समस्याएं होती हैं।लेकिन अब इसे रोकने के लिए ग्रामीण ने कमर कस ली है। यहां के कई गांवों ने बाल विवाह को रोकने के प्रयास में नई पहल शुरू की है। विक्रमगढ़ में खुदेड (बिलाल पाड़ा) और विजय नगर के ग्रामीणों सहित कई गांवों के लोगों ने इस अवैध प्रथा में शामिल परिवारों का ग्रामीणों ने बहिष्कार करने का फैसला किया है।

पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि इस कुप्रथा के खिलाफ पालघर पुलिस ने ''जन संवाद अभियान'' की पहल की थी। इसके बाद जिले के वाडा और विक्रमगढ़ तालुका के कई गांवों ने अब बाल विवाह करने वाले परिवारों का बहिष्कार करने का फैसला किया है।

एसपी की मुहिम लाई रंग

पुलिस अधीक्षक बालासाहेब पाटिल ने अपनी बैठकों के माध्यम से ग्रामीणों से अपील की है कि वे अपने क्षेत्रों में बाल विवाह को रोकें। इसके बाद कई ग्राम पंचायतों और सामाजिक संगठनों ने बाल विवाह पर रोक लगाने का बीड़ा उठाया है।

उल्लंघन करने वालों परिवारों का होगा बहिष्कार

एक कार्यक्रम के दौरान विक्रमगढ़ में १० से ज्यादा गांव के ग्रामीणों ने 18 साल से कम उम्र की लड़कियों के विवाह की अनुमति नहीं देने की शपथ ली। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों ने यह भी फैसला किया कि इस नियम का उल्लंघन करने वालों का सामाजिक बहिष्कार करेंगे साथ ही इसे रोकने के लिए कानून की भी मदद लेंगे

पुलिस की जनहित पहलों को मिला ग्रामीणों का समर्थन

वाडा तालुका के मनिवली गांव के सरपंच लहू डिंडा ने कहा कि यह एक स्वागत योग्य कदम है। इस तरह के फैसले कई ग्राम पंचायतों में उनकी विशेष ग्राम सभाओं में भी लिए जा रहे हैं।

विक्रमगढ़ के पुलिस निरीक्षक प्रदीप गीते ने कहा कि

जनसंवाद अभियान के माध्यम से जनहित में कई कदम उठाए गए है। इस अभियान के तहत छात्रों और ग्रामीणों से मिलकर उन्हें सामाजिक बुराइयों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इसे ग्रामीणों का जबरदस्त समर्थन मिला है।

हिंदुस्थान समाचार/योगेंद्र