गुणातीत संन्यासी ही शीर्ष संन्यासी है : साहब दादा
हरिद्वार, 26 मार्च (हि.स.)। दस दिवसीय संन्यास दीक्षा महोत्सव में पांचवें दिन रविवार को अनुपम मिशन, ग
गुणातीत संन्यासी ही शीर्ष संन्यासी है : साहब दादा


हरिद्वार, 26 मार्च (हि.स.)। दस दिवसीय संन्यास दीक्षा महोत्सव में पांचवें दिन रविवार को अनुपम मिशन, गुजरात के साहब दादा ने भावी संन्यासियों को संन्यास धर्म की मर्यादा का पाठ सिखाया। कार्यक्रम में स्वामी रामदेव महाराज और आचार्य बालकृष्ण महाराज ने साहब दादा को पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया।

इस अवसर पर साहब दादा ने कहा कि प्रसन्नता का विषय है कि 100 से अधिक भाई-बहन स्वामी रामदेव के शिष्यत्व में संन्यास की दीक्षा लेने जा रहे हैं। स्वामी रामदेव के नेतृत्व में नारायणी सेना में भर्ती बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि संन्यास परम्परा में गुणातीत संन्यासी शीर्ष संन्यासी माना जाता है। स्वामी जी गुणातीत संन्यासी के अनुरूप सांसारिकता व भौतिकता से परे हैं। उन्होंने भावी संन्यासियों से कहा कि आप ऐसे गुरु के सान्निध्य में दीक्षित हो रहे हैं जिनकी आज्ञा मात्र में रहने से ही हठ, इर्ष्या, अहंकार आदि दोष दूर हो जाते हैं और आप भीतर से संन्यासी हो जाते हैं।

इस अवसर पर स्वामी रामदेव ने कहा कि साधु निर्भार, निर्द्वन्द्व रहकर श्रीमद्भगवद्गीता के दैवीय सम्पदा को अपने आचरण में जीते हैं। ऐसा ही श्रेष्ठ जीवन साहब दादा जी रहे हैं। ऐसे दैवीय सम्पद सम्पन्न, गुणातीत, भावातीत महापुरुष का दर्शन और उनकी अहेतु की प्रीति आज हमको प्राप्त हो रही है। स्वामी जी ने बताया कि साहब दादा 84 वर्ष की अवस्था में प्रतिदिन योग-प्राणायाम करते हैं।

कार्यक्रम में आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि स्वामी रामदेव का जीवन ही हम सबके लिए शास्त्र है। पुरुषार्थ, आध्यात्मिकता, कर्मठता, कर्म आदि की बात हो या हमारी शास्त्र मर्यादा की बात, स्वामी रामदेव ने हर क्षेत्र में आदर्श स्थापित किए हैं। आप सब संकल्प के साथ स्वामी रामदेव द्वारा बताए पथ पर बढ़ने के लिए संकल्पित होकर अपने जीवन को अर्पण करने जा रहे हैं, इससे बड़ी कोई बात नहीं हो सकती। जीवन का मोह और आग्रह बहुत खतरनाक होता है।

हिन्दुस्थान समाचार/ रजनीकांत