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काठमांडू, 26 मार्च (हि.स.)। नेपाल में 23 अप्रैल को रिक्त तीन संसदीय सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए उम्मीदवारों की सक्रियता बढ़ गई है। कुछ उम्मीदवार पहले ही निर्वाचन क्षेत्रों में पहुंच चुके हैं, जबकि अन्य ने अपने दलों के शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर टिकट का दावा किया है।
चुनाव आयोग ने पहले ही तीनों निर्वाचन क्षेत्रों में 23 अप्रैल को चुनाव निर्धारित कर दिया है। प्रत्याशियों के लिए नामांकन की तिथि तीन अप्रैल निर्धारित की गयी है।
तनहूं 1, बारा 2 और चितवन 2 की सांसद सीट खाली हैं। 20 नवंबर को हुए संसदीय चुनाव में तनहूं 1 से जीतकर आए रामचंद्र पौडेल राष्ट्रपति बने और बारा 2 से जीते रामसहाय प्रसाद यादव उप राष्ट्रपति बने, दोनों सीटें खाली हैं। नागरिकता मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से चितवन 2 से जीते राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के अध्यक्ष रवि लामिछाने को सांसद पद से मुक्त कर दिया गया।
तीनों क्षेत्रों में सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष द्वारा नामित उम्मीदवार को लेकर दिलचस्पी बढ़ गई है। सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से तनहूं 1 में कांग्रेस और बारा 2 में जनता समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार बनना लगभग तय हो गया है।
बारा 2 में जसपा के अध्यक्ष उपेंद्र यादव उम्मीदवार बनने की तैयारी में हैं। इससे पहले 20 नवंबर को हुई संसदीय चुनाव में सप्तरी 2 से उठे अध्यक्ष यादव को जनमत पार्टी के अध्यक्ष सिके राउत ने हराया था। उनके संसद पहुंचने के लिए रामसहाय यादव को उपराष्ट्रपति बनाकर एमपी की सीट खाली करने का मुद्दा जोर शोर से उठाया जा रहा है।
चितवन 2 में राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के अध्यक्ष रवि लामिछाने, जो पहले सांसद पद से बर्खास्त हो चुके थे, नागरिकता प्राप्ति के बाद फिर उम्मीदवार बन रहे हैं। चितवन में उसकी सक्रियता बढ़ गई है।
तीनों उपचुनाव में मुख्य दल जाने-माने लोगों को आगे बढ़ाने की तैयारी में हैं। इस उप चुनाव को नई सरकार बनने के बाद पार्टियों की परीक्षा के तौर पर भी देखा जा रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार/दीपेश